नई दिल्ली (किरण): मकान के मलबे में दबकर मौत का शिकार हुआ 12 साल का अमन काम सीखने के लिए अपने मामा के साथ दिल्ली आया था। उसने घर से निकलते समय मां से कहा था कि मेरी चिंता मत करना।
उसके पिता की मौत हो चुकी है। अमन के गांव के रहने वाले आरिफ ने बताया कि वह काम सीख कर घर के आर्थिक हालात ठीक करने के लिए अपने गांव के लोगों के साथ आया था।
आरिफ ने बताया कि बापा नगर में रामपुर यूपी से करीब 100 से ज्यादा लोग काम करते हैं। अमन के परिवार में मां महफूजा और एक छोटी बहन है। अमन के घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। उसकी मां गांव में मजदूरी और खेतों में काम कर परिवार चलाती है।
इकलौता बेटा, जो बड़ा होकर मां का सहारा बनता अब वह भी छिन गया। आरिफ ने बताया कि महफूजा पर पहले पति की मौत का गम और अब बेटे की मौत की खबर उन पर पहाड़ बनकर टूटी है।
हादसे में अपने दो भाइयों को गंवाने वाले मुईम ने कहा कि उसने एक ही झटके में अपने दो भाइयों को खो दिया। उसे यकीन नहीं हो रहा कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे। दस साल पहले बापा नगर में उनके बड़े भाई मुजीब आए थे। भाई को अकेला काम करता देख वह भाई मुकीम के साथ करीब दो साल पहले यहां आए था।
रात में हम सब भाइयों ने एक साथ खाना खाया था। वह पहली मंजिल पर थे, जबकि उनके दोनों भाई तीसरी मंजिल पर थे। सुबह धमाके (bapa nagar Tragedy) की आवाज सुनाई दी। जब तक वह कुछ समझ पाते मकान के ऊपर का पूरा हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया। वह तुरंत मलबे को हटाकर अपने भाइयों को खोजने लगा।
इस बीच दमकल व पुलिस भी आ गई। उसने लोगों की मदद से मुकीम को मलबे से बाहर निकाला। बाद में दमकल कर्मियों ने मुजीब को मलबे से बाहर निकाला। दोनों की सांसे चल रही थीं, वह गंभीर रूप से घायल थे। शाम को पता चला उसके दोनों भाई अब इस दुनिया में नहीं रहे।
वहीं हादसे में जान गांवने वाला मोहसिन चौथा शख्स है। वह अपने दो भाई सनी व समी उल्हा के साथ बापा नगर स्थित कारखाने में काम करता था। घटना के वक्त तीनों भाई तीसरे मंजिल पर थे। घटना में मोहसिन के दोनों भाईयों को भी गंभीर चोट आई हैं।