इंदौर (नेहा):इंदौर का ट्रैफिक और यहां की सड़कों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। यहां सड़क पर निकलो तो खुद की ही परवाह करन पड़ता है, सिस्टम सड़क के गड्ढों और बेतरतीब ट्रैफिक की सुध लेने में नाकाम है। सड़क के ऐसे ही एक गड्ढे में स्कूटर गिरने से महिला सिर के बल गिरी और कोमा में चली गई। हैरान करने वाली बात यह है कि उसके पति पर ही केस दर्ज कर लिया गया। ऐसे में सड़क के गड्ढों की सुध लेने वाले जिम्मेदार कहां हैं? इंदौर में रैपिड बस के लिए बने बीआरटीएस पर पति के साथ स्कूटर से जा रही एक महिला गड्ढे के कारण उछलकर सिर के बल नीचे गिर गई और कोमा में चली गई। यह महिला पिछले 8 दिन से कोमा है, लेकिन सिस्टम की लापरवाही और असंवेदनशीलता का उदाहरण है कि इस घटना में उसी महिला के पति पर मामला दर्ज कर लिया गया।
अब पत्नी अस्पताल में भर्ती है, पति पुलिस केस में फंस गया है। इधर, उनका छोटा बच्चा असहाय है। बीआरटीएस में सड़क पर बड़े गड्ढे की सुध किसी ने नहीं ली और इसके लिए किसी को कसूरवार नहीं माना गया, जिस कारण यह घटना हुई। यह घटना इंदौर के सबसे व्यस्त बीआरटीएस पर हुई। पुलिस के अनुसार यह हादसा 14 सितंबर को हुआ था। शानू गौड़ अपने पति रवि के साथ अस्पताल जा रही थी। महिला की गोद में दो साल का बेटा भी था। जैसे ही एलआईजी चौराहा से आगे पहुंचे, स्कूटर बीच सड़क पर बने गड्ढे में उतर गया। इस घटना में स्कूटर असंतुलित होने के कारण पीछे बैठी महिला उछलकर सिर के बल जमीन पर गिरी। इस कारण वह कोमा में चली गई। उसके सिर में गहरी चोट आई है। वह किसी को नहीं पहचान पा रही है।
पुलिस ने रवि के कथन लिए और शुक्रवार को बीएनएस की धारा 285,125(ए) के तहत केस दर्ज कर लिया। पुलिस अधिकारी अभिनय विश्वकर्मा का कहना है कि कि शुरुआती जांच में वाहन चालक की लापरवाही सामने आई। इसलिए केस दर्ज किया गया है। जहां तक सड़क के गड्ढे का सवाल है, इस बारे में संबंधित एजेंसी को चिट्ठी लिखेंगे। रवि ने बताया उसके बेटे जियांश की तबीयत खराब थी। वह भाई कार्तिक से स्कूटर लेकर नौलखा स्थित क्लीनिक पर जा रहा था। जियांश को कंबल में लपेट कर शानू पीछे बैठी हुई थी। रवि ने बताया कि एलआईजी चौराहा पर पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कर रखा था इसलिए सभी वाहन बीआरटीएस लेन से निकाले जा रहे थे। अंधेरा होने के कारण गड्ढा नजर नहीं आया और स्कूटर गड्ढे में उतर गया।