न्यूयॉर्क (नेहा):प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। करीब एक महीने में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात हुई। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की अपनी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति एवं स्थिरता की बहाली के लिए भारत का समर्थन दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि संभवतः तीन महीने के अंतराल में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है। द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष से जुड़े मुद्दों पर उनकी चर्चा हुई। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इन मुद्दों पर भारत की सजगता की बहुत सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की बहुत सराहना की गई है, शांति और इस संघर्ष से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। दोनों पक्षों ने इस बात की सराहना की कि द्विपक्षीय संबंधों में कई मुद्दों पर सकारात्मक तौर पर विकास देखने को मिला है। दोनों पक्ष परस्पर निकट संपर्क में रहने पर सहमत हुए।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि एक तरह से राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी को यह कहने का भी मौका मिला कि उन्होंने हमेशा शांति का प्रस्ताव लेकर शांति के रास्ते पर आगे बढ़ने की बात की है, स्पष्ट है कि अगर शांति नहीं है तो सतत विकास भी नहीं हो सकता। युद्ध खत्म होगा या नहीं यह समय ही बताएगा, लेकिन सभी की कोशिश इसी तरह केंद्रित है कि युद्ध का अंत ढूंढा जाए ।
राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें यह भी बताया कि उनके विभिन्न देशों के नेताओं से बात हुई है और इस विषय पर बात होती रहती हैं। सभी की राय यही है कि किसी न किसी तरह हमें युद्ध में संघर्ष विराम का रास्ता निकालना पड़ेगा और इस संबंध में हमारे कोशिशें भी जारी हैं।
पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया था कि दोनों नेताओं ने भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी से रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की दिशा में काम करने में पारस्परिक रुचि व्यक्त की। उन्होंने आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।