UP: खाने-पीने के सामान में मिलावट करने वालों के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई, योगी सरकार के निर्देश
नई दिल्ली (किरण): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट या गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में सीएम योगी ने प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंट और संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, वेरिफिशन के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आम जन की स्वास्थ्य-सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकता अनुसार संशोधन के भी निर्देश दिए हैं।
सीएम योगी ने बैठक में कहा कि जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट या गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं वीभत्स हैं। यह आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है। प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने जरूरी हैं।
ऐसे ढाबों और रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों की जांच की जानी आवश्यक है। प्रदेशव्यापी सघन अभियान चलाकर इन प्रतिष्ठानों के संचालक सहित वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन किया जाए। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन संयुक्त टीम द्वारा यह कार्यवाही शीघ्रता से सम्पन्न कराई जाए।
सीएम ने निर्देश दिया कि खान-पान के प्रतिष्ठानों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर के नाम और पता डिस्प्ले किये जाने चहिये। ढाबे, होटलों, रेस्टोरेंट आदि खान-पान के प्रतिष्ठानों में सीसीटीवी की व्यवस्था हो। उन्होंने ये भी कहा कि न केवल ग्राहकों के बैठने के स्थान पर बल्कि प्रतिष्ठान के अन्य हिस्सों को भी सीसीटीवी से कवर होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि हर प्रतिष्ठान संचालक सीसीटीवी की फीड को सुरक्षित रखेगा और आवश्यकता पड़ने पर पुलिस, स्थानीय प्रशासन को उपलब्ध कराएगा।
योगी ने कहा कि खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने और सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क, ग्लव्स का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
सीएम ने कहा कि आम जन के स्वास्थ्य हितों से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। ऐसा प्रयास करने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।