ग़ज़िआबाद (नेहा): गाजियाबाद की डासना जेल में 21 वर्षीय एक विचाराधीन कैदी का शव पंखे से लटका मिला। पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है। वहीं, आरोपी शिवम के पिता ने दावा किया कि उनका बेटा परेशान था क्योंकि उसे बलात्कार के एक मामले में ‘फंसाया गया’ था। सहायक पुलिस आयुक्त (मसूरी) सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि स्थानीय मसूरी थाने को मंगलवार को डासना जेल में विचाराधीन कैदी की मौत की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि सूचना पर कार्रवाई करते हुए मसूरी थाने के अधिकारियों ने जांच के लिए एक टीम को बुलाया। जांचकर्ताओं को बुलंदशहर जिले के निवासी शिवम का शव योग हॉल के अंदर एक कमरे में छत के पंखे से लटका हुआ मिला।
अधिकारी ने बताया कि करीब 21 वर्षीय शिवम हापुड़ जिले के पिलखुवा में हुए एक अपराध के सिलसिले में जेल में बंद था। गौतम ने बताया कि टीम ने घटनास्थल की जांच की और कार्यवाही की वीडियोग्राफी की। उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है। शिवम के पिता सुंदर ने बताया कि बुधवार सुबह जेल अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली है, जिसके बाद वह अपने रिश्तेदारों के साथ डासना जेल पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि शिवम को हापुड़ के चिजारसी पुलिस चौकी प्रभारी ने ‘फंसाया’ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि चौकी प्रभारी ‘एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे और लड़की के परिवार वाले मामले को रफा-दफा करने के लिए 2 लाख रुपये मांग रहे थे।’ सुंदर ने दावा किया कि जब मैं मांग पूरी नहीं कर पाया, तो चौकी प्रभारी ने बलात्कार और पोक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली। शिवम इस मामले में फंसाए जाने से परेशान था। उन्होंने दावा किया कि शिवम ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसे जांच के लिए पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। सुन्दर के दावों पर पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।