पटना (किरण): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह पत्र लिखा था कि अयोध्या से जनकपुर के बीच बन रहे रामजानकी पथ के निर्माण में तेजी लाई जाए। मुख्यमंत्री ने यह अनुरोध किया था कि इस बारे में संबंधित मंत्रालय को पत्र लिखें। इस अनुरोध के पीछे कारण यह है कि अयोध्या से सीतामढ़ी तक फोरलेन की संपर्कता उपलब्ध होने से लोग भगवान श्री राम के दर्शन के बाद सीतामढ़ी के पुनौराधाम आकर मां सीता का भी दर्शन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री की इस सीधी पहल पर अब थोड़ी हलचल आरंभ हुई है।
इस प्रोजेक्ट में जिन दो जिलों में जमीन अधिग्रहण का पेच है उसके लिए अक्टूबर महीने तक प्रक्रिया पूरी किए जाने की तारीख तय की गयी है। एलायनमेंट के तहत जो जिले हैं उनसे जमीन की व्यवस्था का अपडेट मांगा गया है। सिवान जिले से भी होकर गुजर रहा राम जानकी पथ। यहां रामजानकी पथ के लिए अतिरिक्त रकबा में जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। यहां जमीन अधिग्रहण के लिए कागजी प्रक्रिया भी अभी पूरी तरह से पूरी नहीं हो सकी है। इस बारे में संबंधित जिले के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि इस काम को अगले महीने यानी अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए।
इसी तरह सारण जिले का भी हिस्सा रामजानकी पथ के एलायनमेंट में है। यहां स्थिति यह है कि जमीन अधिग्रहण के मद में मुआवजे का भुगतान नहीं हो रहा। इस वजह से निर्माण एजेंसी को काम आरंभ किए जाने में परेशानी है। यहां भी जिला प्रशासन को यह निर्देश दिया गया है कि अक्टूबर महीने तक जमीन अधिग्रहण मद में मुआवजे का भुगतान कर दिया जाए।