नई दिल्ली (किरण): उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी वर्षा से बुरा हाल है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित उत्तर प्रदेश और बिहार हैं। नेपाल में हो रही भारी वर्षा के कारण बिहार में नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। स्थिति को देखते हुए राज्य के 20 जिले में अलर्ट जारी किया गया है। 24 घंटे और तीन पाली में अगले 72 घंटों के लिए पटना स्थित मुख्यालय में वार-रूम सक्रिय किया गया है।
पूर्वांचल व अवध के जिलों में लगातार तीन दिनों से हो रही वर्षा के दौरान वज्रपात, दीवार-छप्पर गिरने की घटनाओं में 10 लोगों की जान चली गई। डेढ़ दर्जन से अधिक घायल हैं। कई जगहों पर सड़कों पर पेड़ गिरने की घटनाओं से आवागमन बाधित हो गया। लगातार बारिश के चलते राप्ती, घाघरा व सरयू नदी उफनाने लगी हैं। गोंडा में घाघरा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है।
अयोध्या में बीते 36 घंटों में दो सौ मिलीमीटर से ज्यादा वर्षा हुई। अंबेडकरनगर में कच्ची दीवार गिरने से एक वृद्ध की मौत हो गई। अन्य घटना में छप्पर के नीचे दबने से दो लोगों की मौत हो गई। सुलतानपुर में कच्चे घर की दीवार गिरने से बच्चे की मौत हो गई जबकि महिला घायल है। इसके अलावा बिजली गिरने से एक किशोर की जान चली गई। सुलतानपुर में दो दिन से हो रही बारिश में 30 से अधिक कच्चे व पक्के निर्माण गिर चुके हैं। वज्रपात की चपेट में आकर जौनपुर में महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई। आजमगढ़ में वज्रपात से एक चरवाहे की मौत हो गई, दो लोग झुलसे हैं। बलिया में एक मछुआरे की मौत हुई है और एक व्यक्ति झुलस गया।
चित्रकूट में भी वज्रपात से दो लोगों की मौत हो गई। उधर, बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज से शनिवार को चार लाख, 74 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे दियारा क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बराज के सभी 36 फाटक खोल दिए गए हैं। नेपाल के नारायणघाट से भी छह लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, इससे पहाड़ी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। गौनाहा के 200 गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। कोसी बराज से कोसी का डिस्चार्ज 5.57 लाख क्यूसेक रिकार्ड किया गया है। बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं। 56 साल पूर्व 1968 में बराज से सर्वाधिक 7.88 लाख क्यूसेक जलस्त्राव का रिकार्ड दर्ज है।
कोसी में हाई अलर्ट है। नेपाल प्रशासन ने कोसी बराज होकर आवाजाही पर रोक लगा दी है। मुख्य अभियंता ई वरुण कुमार ने बताया कि फिलहाल कोसी बांध और बराज पर कोई खतरा नहीं है। मधुबनी से सटे कोसी बराज से दोपहर तक 5.67 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। सरायगढ़ भपटियाही में बांध टूटने से कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है। सुपौल के डीएम कौशल कुमार का कहना है कि तटबंध के अंदर के लोगों को सुरक्षित स्थान जाने के लिए अलर्ट कर दिया गया है।
चार दिनों से लगातार बारिश के कारण भूस्खलन से सिक्किम में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उत्तर सिक्किम एक तरह से राज्य से कट गया है। यहां जाने वाली मुख्य सड़क भूस्खलन के कारण बंद है। पहाड़ से चट्टान गिरने से राज्य की और भी कई सड़कें बंद हो गई हैं। दरामदिन में भूस्खलन के कारण 17 परिवार बेघर हो गए हैं। बारिश के कारण भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हैं। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग ने भारी बारिश में अनावश्यक यात्रा से बचने और अत्याधिक सावधानी बरतने की अपील की है।