नई दिल्ली (राघव): मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज वकीलों की एक नई प्रथा पर नाराजगी व्यक्त की है। सीजेआई ने कहा कि विभिन्न वकील एक ही मामले को बार-बार बेंच के सामने लाकर तारीख मांगते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वकील इस तरह की तरकीबें अपनाकर “अदालत को बरगलाने” में सक्षम नहीं होंगे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने एक वकील के खनन पट्टे की समाप्ति से संबंधित मामले पर सुनवाई की। इस बीच पीठ ने पाया कि ये मामला कल भी उनके समक्ष उठाया गया था। इसपर मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उपयुक्त आदेश पाने के लिए एक ही मामले को बार-बार उठाने की प्रथा को अब रोकने की जरूरत है।
सीजेआई ने कहा कि यह एक नई प्रथा है। अलग-अलग वकील एक ही मामले को सूचीबद्ध करने के लिए पेश करते हैं और एक बार जज की पलक झपकते ही आपको कोई तारीख मिल जाती है। यह एक ऐसी प्रथा है जो उभर रही है। सीजेआई ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के तौर पर मेरे पास जो थोड़ा-बहुत विवेक है, उसका इस्तेमाल कभी भी आपके पक्ष में नहीं किया जाएगा। आप अदालत को बरगलाने में सक्षम नहीं होंगे। मेरी व्यक्तिगत विश्वसनीयता दांव पर है। मुझे सभी के लिए मानक नियमों का पालन करना होगा। हाल ही में कई सुनवाई के दौरान, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने बारी-बारी से मामलों का उल्लेख करने वाले वकीलों की खिंचाई की है। उन्होंने बार-बार उनसे प्रक्रिया का पालन करने, आवेदन दायर करने और उसके अनुसार मामले को उठाने के लिए कहा है।