कीव (राघव): दुनिया में कई मोर्चों पर युद्ध हो रहा है। एक ओर इजरायल चार देशों से एक साथ वार कर रहा है तो वहीं फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। रूसी सैनिकों ने यूक्रेन के पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र के वुहलेदार शहर पर कब्जा कर लिया है। यह शहर कई मायनों में राजनीतिक दौर पर बेहद अहम है। यूक्रेन और रूस दोनों के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम है वुहलेदार। पिछले दो सालों से सबसे ज्यादा जंग का सामना इसी शहर को करना पड़ा है। यूक्रेन इस पर कब्जा बनाए रखना चाहता था और रूस उसे अपने कब्जे में लेना चाहता था।
दरअसल, यह शहर काफी ऊंचाई पर बसा है, जिसका कब्जा इस शहर पर होगा, उसके रणनीतिक तौर पर वह देश ही दबंग रहेगा। यह शहर अब तक यूक्रेन के लिए किले का काम कर रहा था। वुहलेदार में दो कोयला खदानें हैं, जिनमें पर्याप्त कोयला भंडार हैं। युद्ध से पहले यहां खनन करने वाले 15000 से ज्यादा लोग रहते थे, लेकिन रूस और यूक्रेन की जंग के बाद वे लोग जान बचाकर भाग गए। वुहलेदार शहर क्रीमिया और डोनबास के औद्योगिक क्षेत्र के बीच एक रेलवे लाइन के काफी नजदीक है, जिससे रूस को अपने सैनिकों और उन तक सामग्री की आपूर्ति करने में आसानी होती है। इस शहर पर नियंत्रण से रूस अन्य क्षेत्रों में भी अपनी सैन्य क्षमता को बढ़ा सकता है।
रूसी सेना ने वुहलेदार पर कब्जा करने के लिए शहर चौतरफा घेराबंदी कर ली थी, जिसके चलते यूक्रेनी सैनिकों न किसी भी तरह की सहायता मिल पा रही थी और न जरूरी सामानों की सप्लाई हो पा रही थी। इस स्थिति में यूक्रेनी सेना के लिए बचाव करना और सैनिकों को रोटेट करना मुश्किल हो गया। यूक्रेन की 72वीं सेपरेट मैकेनाइज्ड ब्रिगेड ने इसका कड़ा प्रतिरोध किया और मुंहतोड़ जवाब भी दिया। आखिर में यूक्रेनी सैनिको को पीछे हटना ही पड़ा। हालांकि, युद्ध से पहले बेहद खूबसूरत सा दिखने वाला वुहलेदार तबाह हो चुका है। यहां चारों ओर मलबा ही मलबा नजर आ रहा है।