नई दिल्ली (नेहा): ईरान ने इजरायल के साथ जंग में पीछे न हटने का एलान कर दिया है। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इजरायल पर फिर से हमला किया जाएगा। उन्होंने सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हुए हमास के हमले को जायज ठहराया, कहा-अपनी धरती की रक्षा का अधिकार सभी को है। खामेनेई ने कुरान की आयतों का हवाला देते हुए मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वान किया।सर्वोच्च नेता ने कहा कि ईरान, हिज्बुल्लाह (Hezbollah) और हमास का साथ देता रहेगा। आशंका जताई जा रही है कि इजरायल और ईरान के बीच भी जंग छिड़ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो इसका बुरा असर मिडिल ईस्ट के साथ-साथ भारत पर भी दिख सकता है। दरअसल, भारत और ईरान के बीच व्यापारिक संबंध काफी पुराना है। भारत बड़े पैमाने पर ईरान को बासमती चावल और चाय की पत्ती निर्यात करता है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने साल 2023-24 में ईरान को 680 मिलियन डॉलर का बासमती चावल निर्यात किया था। भारत अपने यहां पैदा होने वाले बासमती चावल का कुल 19 प्रतिशत हिस्सा ईरान को निर्यात करता है। अगर ईरान और इजरायल के बीच जंग छिड़ती है तो इसका सीधा असर चावल के निर्यात पर पड़ेगा। वहीं, साल 2023-24 में ईरान को 32 मिलियन डॉलर चाय का निर्यात किया गया था। वहीं ईरान से भारत सनफ्लावर ऑयल का आयात करता है। अगर इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता है तो देश में सनफ्लावर ऑयल महंगा हो सकता है।
बताते चलें की इजरायली सेना की तरफ से लेबनान में हवाई हमले जारी हैं, लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में लेबनान के विभिन्न क्षेत्रों पर इजरायली हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या 37 हो गई है, जबकि घायल होने वालों की संख्या 151 है। पिछले साल सात अक्टूबर की आधी रात हमास ने इजरायल पर आतंकी हमले किए थे। इसके बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। फिलहाल इजरायल, हमास के साथ-साथ हिजबुल्लाह के खात्मे में भी जुटा है।