नवाबगंज (किरण): मारपीट के मामले में निलंबित होने के बाद बहाल हुए होमगार्ड को एसडीएम ने ड्यूटी करने से मना किया तो होमगार्ड ने जहरीला पदार्थ पी लिया। हालत बिगड़ने पर उसे कस्बे के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसके भतीजे ने पुलिस को मामले की शिकायत की है। चार महीने पहले तहसीलदार के साथ ड्यूटी पर तैनात इनायतपुर गांव के होमगार्ड वीर बहादुर और रामपाल तहसील कार्यालय के गेट पर अपनी ड्यूटी कर रहे थे। वहां आए चौकीदार वीरेंद्र से उनका विवाद हो गया जिससे गुस्साए दोनों होमगार्ड ने चौकीदार को जमीन पर गिरा कर लात घूसों और रायफल की बटों से खूब पीटा। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ।
मामले में पुलिस ने चौकीदार वीरेंद्र की ओर से दोनों होमगार्ड के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी। होमगार्ड रामपाल कोर्ट गए। कोर्ट के आदेश पर होमगार्ड रामपाल की ओर से चौकीदार वीरेंद्र व अजय गुप्ता उर्फ कैप्टन के विरुद्ध प्राथमिकी लिखी गई। दोनों होमगार्ड पर प्राथमिकी लिखे जाने के बाद जिला होमगार्ड कमांडेंट ने उन्हें कार्य से हटा दिया। इस पर दोनों ने हाईकोर्ट दरवाजा खटखटाया। एक सप्ताह पहले मामले में हाईकोर्ट ने जिला होमगार्ड कमांडेंट के आदेश को निलंबित करने के साथ ही दोनों की सेवा बहाल करने के आदेश दिए। होमगार्ड रामपाल को थाने में और वीर बहादुर को एसडीएम के आवास पर तैनाती मिल गई।
रविवार को होमगार्ड वीर बहादुर एसडीएम अजय कुमार उपाध्याय के आवास पर ड्यूटी करने के लिए पहुंचे। होमगार्ड का आरोप है कि एसडीएम ने अपने सीयूजी नंबर से उन्हें फोन किया और ड्यूटी करने से मना कर दिया। इससे नाराज होमगार्ड वहां से चला गया और कस्बे की एक दुकान से फसल में छिड़कने वाली कीटनाशक खरीदकर पी लिया। हालत बिगड़ने पर स्वजन ने अस्पताल में भर्ती कराया। अभी हालत गंभीर बताई जा रही है। उनके भतीजे ने डायल 112 पुलिस, थाना पुलिस व जिला होमगार्ड कमांडेंट से इसकी शिकायत की। जिस पर पुलिस ने अस्पताल पहुंच कर होमगार्ड के बयान दर्ज किए।
सीओ हर्ष मोदी ने बताया कि होमगार्ड के कीटनाशक पीने की सूचना मिली है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब वह खतरे से बाहर है। वही एसडीएम अजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि होमगार्ड पर पब्लिक के व्यक्ति से मारपीट की प्राथमिकी लिखी हुई है, इसलिए उसकी ड्यूटी हटाने को कहा था।