यूरोप (जसप्रीत): प्रोजेरिया एक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर है, इस गंभीर बीमारी से पीड़ित एक 28 साल के व्यक्ति का निधन हो गया। इटालियन प्रोजेरिया एसोसिएशन ने इस बात की जानकारी दी है। शख्स का नाम सैमी बैसो बताया जा रहा है। ये एक ऐसी बीमारी है, जिसे हचिंसन-गिलफोर्ड सिंड्रोम (एचजीपीएस) के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में लोगों की उम्र तेजी से बढ़ने लगती है, वो अपनी उम्र से ज्यादा बूढ़े दिखने लगते हैं। इस बीमारी में जीवन की आयु खुद-ब-खुद कम हो जाती है और इलाज के बिना जीने की उम्मीद केवल 13.5 साल रह जाती है।
यह जन्म लेने वाले प्रत्येक आठ मिलियन लोगों में से एक को प्रभावित करती है, दुनिया भर में इसकी घटना प्रत्येक 20 मिलियन में से एक को होती है। 1995 में उत्तरी इतालवी क्षेत्र वेनेटो के शिओ में जन्मे बैसो को दो साल की उम्र में प्रोजेरिया का पता चला था। 2005 में, उन्होंने और उनके माता-पिता ने इटालियन प्रोजेरिया एसोसिएशन की स्थापना की। वह नेशनल ज्योग्राफिक डॉक्यूमेंट्री “सैमीज जर्नी” के जरिए पॉपुलर हुए जिसमें उनके माता-पिता और उनके सबसे अच्छे दोस्तों में से एक, रिकार्डो के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका में शिकागो से लॉस एंजिल्स तक रूट 66 की यात्रा का वर्णन है।
एसोसिएशन ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, हमें इस अद्भुत जीवन का हिस्सा बनाने के लिए धन्यवाद सैमी। उन्होंने ये भी लिखा, आज हमारा प्रकाश, हमारा मार्गदर्शक, बुझ गया है। दुनिया भर में क्लासिक प्रोजेरिया के केवल 130 मान्यता प्राप्त मामले हैं, जिनमें से चार इटली में हैं। हालांकि, इटालियन प्रोजेरिया एसोसिएशन का अनुमान है कि 350 से अधिक मामले हो सकते हैं क्योंकि विशेष रूप से विकासशील देशों में उनका पता लगाना मुश्किल हो सकता है।