प्रयागराज (जसप्रीत): संतों व सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होगी। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। संतों के साथ संवाद के दौरान अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि ने कुंभ व माघ मेला के दौरान मेला क्षेत्र के पास मांस-मदिरा की बिक्री पर चिंता व्यक्त की। इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म के वैभव को प्रदर्शित करते हुए संस्कृति को संरक्षित करता है। इसके ध्वजवाहक अखाड़े और विभिन्न परंपराओं के संत हैं। सरकार उनके निर्देशन में काम करती है।
संतों की भावनाओं के अनुरूप महाकुंभ के दौरान उसकी शास्त्रीय सीमा (परिक्षेत्र) में मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक रहेगी। जो निर्देश को नहीं मानेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। महाकुंभ का परिक्षेत्र संगम व गंगा-यमुना तट (मेला क्षेत्र) से 500 मीटर दूर माना जाता है। इसमें कीडगंज, अरैल, झूंसी, दारागंज, अलोपीबाग, मधवापुर, शंकरघाट, रसूलाबाद, शिवकुटी, छतनाग, बलुआघाट, द्रोपदी घाट, फाफामऊ, गोविंदपुर, मुट्ठीगंज, बघाड़ा, सादियाबाद जैसे मोहलले शामिल हैं। उक्त मोहल्लों में मांस-मदिरा की बिक्री का प्रस्ताव प्रयागराज नगर निगम पास कर चुका है, लेकिन उसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका। अधिकतर मोहल्लों में मांस-मदिरा की बिक्री हो रही है। संत उससे व्यथित हैं।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ मेला संतों व सनातन धर्मावलंबियों के लिए है। ऐसा कोई कार्य नहीं होगा, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों। हम चाहते हैं कि दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालु प्रयागराज की अच्छी छवि लेकर लौटें। इसके लिए मांस-मदिरा पर रोक का नियम सख्ती से लागू किया जाएगा।