लंदन (जसप्रीत): भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक रतन नवल टाटा का बीती रात निधन हो गया। रतन टाटा ने दुनिया भर में एक सफल कारोबारी के रूप में अपना नाम बनाया और कई बड़े पुरस्कार भी प्राप्त किए। उनकी मौत की खबर न केवल भारत में बल्कि विदेशी मीडिया में भी प्रमुखता से छाई हुई है। पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन के प्रमुख समाचार पत्रों ने उनकी मौत की खबर को प्रमुखता दी है। विदेशी मीडिया ने उन्हें एक सफल भारतीय उद्यमी के रूप में याद किया, जिसने वैश्विक स्तर पर अपनी छाप छोड़ी।
पाकिस्तानी अख़बार डॉन ने लिखा कि 1991 में जब उनके चाचा जेआरडी टाटा ने पद छोड़ दिया तो उन्होंने समूह की कमान संभाली थी. अपने पहले काम में रतन टाटा ने टाटा समूह की कंपनियों के कुछ प्रमुखों की शक्तियों पर लगाम लगाने के लिए उन्हें पद से हटा दिया। इसकी जगह पर युवा लोगों को बढ़ावा देने और कंपनियों पर नियंत्रण बढ़ाने की मांग की. 1996 में दूरसंचार फर्म टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की. साल 2004 में आईटी फर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को सार्वजनिक कर दिया।
ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ ने रतन टाटा की मौत की खबर को शीर्षक दिया – ‘अरबपति जगुआर, लैंड रोवर और टेटली के मालिक रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन’। द सन ने अपनी खबर में बताया कि रतन टाटा भारत के सबसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाले उद्योगपतियों में से एक थे। उनका टाटा समूह ब्रिटिश मोटर ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर का मालिक है। टाटा समूह की वार्षिक आय 100 बिलियन डॉलर से अधिक है।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने रतन टाटा की मौत से जुड़ी अपनी रिपोर्ट में बताया कि 1991 से 2012 तक चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कंपनी के मुनाफे में 50 गुना वृद्धि की और कंपनी को दुनिया में मशहूर बनाया। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रतन टाटा का जन्म 1937 में एक पारसी परिवार में हुआ था। उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई की। 1962 में भारत लौटने के बाद उन्होंने अपने परिवार की कंपनी की बागडोर संभाली, जिसकी स्थापना उनके परदादा जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी।
‘टाटा ने भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया’: अरब दुनिया के सबसे बड़े मीडिया समूह ‘खलीज टाइम्स’ ने रतन टाटा को एक उद्योगपति लीजेंड और राष्ट्रीय प्रतीक कहा है। अखबार ने लिखा कि रतन टाटा एक लाइसेंसधारी पायलट थे, जो कभी-कभी कंपनी के विमान उड़ाया करते थे। टाटा ने कभी शादी नहीं की और वे अपने शांत व्यवहार, सामान्य जीवनशैली और परोपकारी कार्यों के लिए जाने जाते थे। बांग्लादेश के डेली स्टार ने लिखा कि रतन टाटा भारत के सबसे सम्मानित व्यावसायिक नेताओं में से एक थे। अपनी विनम्रता और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए पहचाने जाने वाले टाटा ने अपने पारिवारिक उद्यम को एक वैश्विक समूह में बदल दिया, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक परिदृश्य को गहरे स्तर पर प्रभावित किया।