श्रीनगर (नेहा): केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश की पहली विधानसभा के लिए निर्वाचित 90 सदस्यों में 51 पहली बार विधायक बने हैं। पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा पारित जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के मुताबिक, जम्मू कश्मीर राज्य 31 अक्टूबर 2019 को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर व लद्दाख में पुनर्गठित हुआ है। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश मे पहली बार विधानसभा चुनाव के तहत तीन चरणों में 18 व 25 सितंबर और पहली अक्टूबर 2024 को मतदान हुआ है। चुनाव परिणाम आठ अक्टूबर को घोषित हुआ है। नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीटों के साथ सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरी है जबकि भाजपा 29 सीटों के साथ दूसरा बड़ा राजनीतिक दल बनकर सामने आयी है।
कांग्रेस को मात्र छह सीटें मिली हैं जबकि माकपा एक सीट तक सीमित रही है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी तीन सीटों पर सिमट गई है। एक सीट पीपुल्स कान्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन और एक सीट इंजीनियर रशीद की पार्टी अवामी इत्तिहाद पार्टी के उम्मीदवार शेख खुर्शीद अहमद ने और एक ही सीट आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने जीती है। पांच सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के 42 में से 24, भाजपा के 29 में से 15 विधायक पहली बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। विधानसभा में कांग्रेस के छह सदस्य हैं और इनमें से दो पहली बार विधायक बने हैं।
पहली बार विधायक बनने वालों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के प्रधान वहीद उर रहमान परा, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद अल्ताफ अहमद बुखारी को हराने वाले नेशनल कान्फ्रेंस के मुश्ताक अहमद गुरू, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारांचद को धूल चटाने वाले निर्दलीय सतीश शर्मा, भाजपा के विक्रम रंधाावा, आम आदमी पार्टी के मेहराज मलिक के नाम उल्लेखनीय हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के जस्टिस (सेवानिवृत्त)हसनैन मसूदी पहले सांसद रह चुके हैं,लेकिन वह विधायक पहली बार चुने गए हैं। वह पांपोर से निर्वाचित हुए हैं। अवामी इत्तिहाद पार्टी के चेयरमैन इंजीनियर रशीद का भाई शेख खुर्शीद अहमद भी पहली बार ही विधायक बना है। परा के अलावा पीडीपी के अन्य दो विधायक मीर मोहम्मद फैयाज और रफीक अहमद नाइक भी पहली बार ही विधायक बने हैं।
मीर मोहम्मद फैयाज राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2014 में भी विधानसभा का चुनाव लड़ा था,लेकिन 151 वोटों के अंतर से हार गए थे। इल्तिजा मुफ्ती को हराने वाले नेशनल कॉन्फ्रेस के बशीर अहमद वीरी के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के सैफूदीन बट,जावेद अहमद मिर्चल, सुरिंदर कुमार चौधरी और शौकत हुसैन गनई बेशक पहली बार विधायक बने हैं। लेकिन यह चारों नेता पहले जम्मू कश्मीर विधानपरिषद के सदस्य रह चुके हैं। जम्मू कश्मीर में विधान परिषद जो अब समाप्त हो चुकी है, के सदस्यों को एमएलसी कहा जाता था। भाजपा के विक्रम रंधावा भी पूर्व एमएलसी हैं।