ख़ैबर पख्तूनख्वा (जसप्रीत): पाकिस्तान में तालिबानियों के बढ़ते उत्पात के बीच एक बार फिर आतंकियों ने पुलिस वालों को निशाना बनाया है। शुक्रवार को अफगान सीमा के पास दस पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वहीं 7 अन्य जवान घायल हो गए हैं। इस घटना की जानकारी पुलिस सूत्रों के हवाले से सामने आई है। हमलावरों ने एक पुलिस चेक पोस्ट पर मौजूद पुलिसकर्मियों पर निशाना बनाकर हमला किया। इस हमले से पाकिस्तान में आतंकी खतरे की गंभीरता फिर से उजागर हुई है। हमला उस समय किया गया जब पुलिसकर्मी सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे। टीटीपी पाकिस्तान में सरकार विरोधी गतिविधियों में लगा हुआ है। उसने हमले की जिम्मेदारी ली है।
वारदात ख़ैबर पख्तूनख्वा के हंगू जिले में स्थित पुलिस चेक पोस्ट पर हुई, जहां हथियारबंद आतंकियों ने अचानक हमला कर पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक़, आतंकियों ने पुलिस चेक पोस्ट पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिसके चलते मौके पर ही 10 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। इस हमले में सात पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, देश में सक्रिय एक कट्टरपंथी संगठन है, जो अफगानिस्तान में तालिबान की विचारधारा से प्रेरित होकर सरकार के खिलाफ अपनी मुहिम चलाता है। इस संगठन का मकसद पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करना है, और इसके लिए वह लगातार हिंसक हमलों का सहारा लेता आ रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में हाल के वर्षों में टीटीपी के हमले बढ़े हैं।
पाकिस्तान की सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बताया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मारे गए पुलिसकर्मियों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में आतंकियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाने की योजना बनाई है। पाकिस्तान में इस तरह के बढ़ते आतंकी हमले देश के आंतरिक सुरक्षा तंत्र को चुनौती दे रहे हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पाकिस्तान सरकार और सेना इस पर कठोर कदम नहीं उठाते हैं, तो स्थिति और भी अधिक खराब हो सकती है।