पटना (राघव): छठ पूजा का समय था, घर-घर में छठ गीतों की आवाज़ गूंज रही थी, और इसी बीच एक दुखद खबर आई कि स्वर कोकिला शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। उनका निधन 5 नवंबर, 2024 को दिल्ली के एम्स में हुआ, और यह खबर छठ के इस महापर्व के दौरान आई, जब उनकी गायकी के गीत हर किसी के दिलों में बस चुके थे। शारदा सिन्हा का जाना संगीत और खासकर छठ पूजा के गीतों के जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शारदा सिन्हा अपने पीछे कई करोड़ रुपए की संपत्ति छोड़ गई हैं।
शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की और समस्तीपुर के एक कॉलेज में संगीत की प्रोफेसर भी रही थीं। शारदा सिन्हा का परिवार भी संगीत से जुड़ा हुआ था। उनके पति ब्रज किशोर सिन्हा का कुछ महीने पहले ही निधन हो गया था। उनके दो बच्चे हैं, बेटा अंशुमान सिन्हा और बेटी वंदना सिन्हा। वंदना अक्सर अपनी मां के साथ लोकगीत गाती नजर आती थीं। शारदा सिन्हा का पटना में एक आलीशान घर है, जहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। परिवार और उनके चाहने वाले वहां पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।शारदा सिन्हा का निधन संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनके गाए गीतों की गूंज सदा हमारे बीच रहेगी। उनके गीत छठ पूजा और पारंपरिक संगीत का हिस्सा बन चुके हैं, और यह हमेशा हमारे दिलों में जिन्दा रहेगा।