झांसी (नेहा): महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआइसीसीयू) वार्ड में हुए अग्निकांड में एक और बच्चे की मौत रविवार को हो गई। उसे रेस्क्यू किया गया था। मरने वाले नवजातों की संख्या अब 11 हो गई है। यद्यपि, प्रशासन का कहना है कि रविवार को जिस नवजात की मौत हुई है, वह जला नहीं था, बल्कि पहले से ही बीमार था। दूसरी ओर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एनआइसीसीयू) में आग लगने की घटना को गंभीरता से लिया है, जिसमें 10 नवजातों की जान चली गई।
एनएचआरसी ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर लापरवाही पर रिपोर्ट मांगी है। शुक्रवार की रात एनआइसीसीयू वार्ड में लगी आग की चपेट में आकर 10 नवजातों की मौत हो गई थी। रेस्क्यू आपरेशन के तहत 39 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया था। उन्हें शिफ्ट कर पीकू वार्ड, वार्ड तीन, नर्सिंग होम, जिला अस्पताल व मऊरानीपुर सीएचसी में भर्ती किया गया था, जहां उनका उपचार चल रहा है।
डीएम अविनाश कुमार के अनुसार, अग्निकांड में जिन बच्चों का रेस्क्यू किया गया था, उनमें तीन नवजातों की हालत पहले से ही गंभीर थी। उनमें से एक की मौत हुई है। पोस्टमार्टम कराने के बाद शव स्वजन को सौंप दिया गया है। मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. नरेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि रविवार को जिस बच्चे की मौत हुई है, उसे जन्म के बाद बीमारी की हालत में एनआइसीसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। आग लगने के बाद उसे सुरक्षित निकाल कर दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर उपचार किया जा रहा था।