दुबई (राघव): सऊदी अरब और यूएई जैसे खाड़ी देशों में पाकिस्तानी भिखारियों का संकट बढ़ता जा रहा है। धार्मिक यात्रा के नाम पर वीजा लेकर खाड़ी देशों में पहुंचने वाले पाकिस्तानी न केवल भीख मांगते हैं बल्कि इसे माफिया का रूप भी दे रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी कि वे अपने नागरिकों को इस तरह भेजना बंद करें। सूत्रों के मुताबिक, सऊदी और अन्य खाड़ी देशों की नाराजगी के बाद पाकिस्तान सरकार ने 4300 भिखारियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाल दिया है। इन भिखारियों पर आरोप है कि वे उमरा वीजा लेकर खाड़ी देशों में जाकर रैकेट बनाते हैं और वहां भीख मांगते हैं।
पाकिस्तानी भिखारी उमरा और हज के वीजा का दुरुपयोग कर रहे हैं। 2023 में सऊदी अरब ने 16 पाकिस्तानी नागरिकों को उमरा वीजा के तहत भीख मांगते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद सऊदी हज मंत्रालय ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी थी। सऊदी अरब के उप गृह मंत्री नासिर बिन अब्दुल अजीज अल-दाऊद ने पाकिस्तानी गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी के साथ हुई बैठक में कहा कि अगर ये रैकेट नहीं रुका, तो असली उमरा और हज यात्रियों पर इसका असर पड़ेगा। नकवी ने भरोसा दिलाया कि पाकिस्तान इन भिखारी माफियाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा।
हाल ही में कराची एयरपोर्ट पर 11 भिखारियों को सऊदी जाने वाली फ्लाइट से उतारा गया। एफआईए ने जांच में पाया कि ये सभी सऊदी अरब में भीख मांगने जा रहे थे। पाकिस्तान अब उमरा एक्ट लाने पर विचार कर रहा है, जिससे ट्रैवल एजेंसियों और फर्जी तीर्थयात्रियों पर सख्ती की जा सके। धार्मिक मामलों के मंत्रालय को इन एजेंसियों की निगरानी का जिम्मा दिया जाएगा। पाकिस्तानी भिखारियों की इस हरकत से देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान हो रहा है। सऊदी राजदूत नवाफ बिन सईद अहमद अल-मलकी के साथ हुई चर्चा में पाकिस्तानी गृह मंत्री ने सख्त कदम उठाने का भरोसा दिया।