रुद्रप्रयाग (राघव): उत्तराखंड में मौसम ने पिछले दो दिनों से अपना कड़वा रुख बनाए रखा है। केदारनाथ धाम और आसपास के क्षेत्रों में भारी बर्फबारी जारी है, बर्फबारी से जहां पर्यटक आनंदित हैं। वहीं स्थानीय लोगों और प्रशासन के लिए यह मुसीबत बन गई है. केदारनाथ धाम में करीब तीन फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है, जिससे तापमान में भारी गिरावट आई है और पुनर्निर्माण कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। केदारनाथ धाम और ऊंचाई वाले इलाकों जैसे तुंगनाथ, मदमहेश्वर, दुगलविट्टा और चोपता में पिछले दो दिनों से बर्फबारी हो रही है। दुगलविट्टा-चोपता क्षेत्र में मक्कू बैंड से आगे बर्फबारी के चलते आवाजाही मुश्किल हो गई है। लगातार गिरती बर्फ से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों पर असर पड़ा है, जिससे काम में लगे श्रमिकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तरकाशी जिले में 30 गांव पूरी तरह बर्फ की सफेद चादर से ढक गए हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे बर्फबारी के चलते बंद हो गए हैं. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) गंगोत्री हाईवे को खोलने के लिए बर्फबारी के थमने का इंतजार कर रहा है। हर्षिल-मुखवा, झाला मोटर मार्ग, जसपुर पुराली मोटर मार्ग और सांकरी तालुका मोटर मार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं। बर्फबारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। लोग बर्फ पिघलाकर अपनी जल आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। गंगोत्री क्षेत्र के 10 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है। भारी बर्फबारी ने केदारनाथ, चोपता और दुगलविट्टा जैसे पर्यटन स्थलों को आकर्षण का केंद्र बना दिया है. बड़ी संख्या में पर्यटक बर्फबारी का आनंद लेने पहुंचे हैं। हालांकि, बर्फबारी के कारण कई पर्यटक वाहन मक्कू बैंड और दुगलविट्टा के बीच फंस गए। इन फंसे हुए वाहनों को निकालने में स्थानीय पुलिस और डीडीआरएफ की टीम लगातार सहायता कर रही है।
भारी बर्फबारी के कारण छह से अधिक सड़कों पर यातायात बाधित है। यमुनोत्री हाईवे पर हनुमान चट्टी से जानकी चट्टी और खरसाली के बीच बर्फबारी के कारण सड़कें बंद हो गई हैं। पानी और बिजली की समस्याओं से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बर्फबारी और बारिश को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। उच्च क्षेत्रों में जाने वाले पर्यटकों को सावधानी बरतने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। बर्फबारी के इस दौर ने जहां पर्यटन क्षेत्र में उत्साह बढ़ाया है, वहीं जनजीवन के लिए यह एक चुनौती भी बन गया है। अब सभी की निगाहें मौसम के सुधार पर टिकी हैं।