नई दिल्ली (राघव): देश में नकली नोटों का बाजार एक बार फिर गरम है। बिहार के बाजारों में 500 रुपये के नकली नोट धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं, तो अब 200 रुपये के नकली नोट भी बाजार में आ गए हैं। हालांकि, नकली नोटों के चलन को बाजार से समाप्त करने के लिए सरकार ने करीब 9 साल पहले 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोटों को एक झटके में चलन से बाहर कर दिया था। इन दोनों बड़े नोटों को चलन से अचानक बाहर कर दिए जाने के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था, तब आरबीआई ने 2000, 500, 200 और 100 रुपये के नए नोट जारी किए थे। 2000 का नोट 2023 में चलन से बाहर कर दिया गया। बाकी के बचे 500 और 200 के नकली नोट एक बार फिर बाजार में तेजी से दौड़ रहे हैं।
सूत्रों के के अनुसार, 200 रुपये के नकली नोटों ने तेलंगाना के निर्मल जिले में हड़कंप मचा दिया है। व्यापारी इन नोटों को लेने से डर रहे हैं और लेन-देन में सावधानी बरत रहे हैं। नकली नोट एकदम असली जैसे दिखते हैं, जिससे लोगों को धोखा हो रहा है. देशभर में एक नई चर्चा शुरू हो गई है। लोग अपने पास मौजूद 200 रुपये के नोटों के बारे में सोच रहे हैं और वे घर जाकर चेक कर रहे हैं कि उनके पास कितने नोट हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की शाम 8 बजे नकली नोटों को रोकने और विदेशी बैंक खातों में जमा काला धन वापस लाने के लिए नोटबंदी की थी। लेकिन, नोटबंदी के बाद भी सरकार का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है. आरबीआई की ओर से जारी किए गए 500 और 200 रुपये के नोटों की भी जालसाज नकल कर रहे हैं। पहले ही कई जगहों पर 500 रुपये के नकली नोट मिले हैं। अब 200 रुपये के नकली नोट भी धड़ल्ले से छापे जा रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया रिपोर्टों में कहा गया है, ”200 रुपये के नकली नोटों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। वित्त वर्ष 2019-20 में, 200 रुपये के 31,969 नकली नोट पकड़े गए, जबकि 2018-19 में यह संख्या 12,728 थी, जो 151% की वृद्धि दर्शाती है।” तेलंगाना के निर्मल जिले में हाल ही में 200 रुपये के नकली नोटों का प्रचलन बढ़ा है, जिससे व्यापारी और स्थानीय लोग सतर्क हो गए हैं। नकली नोट असली जैसे दिखने के कारण पहचानना मुश्किल हो रहा है, जिससे व्यापारियों को लेन-देन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।