नई दिल्ली (राघव): भारत ने साल 2024 में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर हासिल किया है। इस वर्ष देश ने लगभग 30 गीगावाट की रिकॉर्ड ऊंची अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है, जो साल 2023 में दर्ज 13.75 गीगावाट से दोगुने से भी अधिक है। यह वृद्धि भारत की महत्वाकांक्षी योजना को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है, जिसके तहत साल 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है।
भारत ने साल 2024 में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में जिस तेजी से प्रगति की है, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक अहम कदम साबित हो रहा है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में इस साल में 113 प्रतिशत अधिक अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ी गई है, जो एक बड़ा सकारात्मक बदलाव दर्शाता है। 31 मार्च 2014 तक भारत में कुल 35.84 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता थी। साल 2014 के बाद से जब केंद्र में एनडीए सरकार ने सत्ता संभाली, तब से लगातार अक्षय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि देखी गई है। खासकर वित्त वर्ष 2023-24 में, जब 18.48 गीगावाट की उच्चतम वृद्धि दर्ज की गई थी। भारत सरकार ने साल 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सरकार हर साल औसतन 50 गीगावाट क्षमता जोड़ने पर विचार कर रही है, ताकि न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हो, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान हो।