यूनिफाइड सिविल कोड (UCC) को लेकर चर्चा में एक नया मोड़ आया है। संविधानिक विशेषज्ञ अभिषेक राय के अनुसार, UCC का कदम अनेक कानूनों के उलझाव को सुलझाने की एक प्रगतिशील पहल है। उनका मानना है कि यह न केवल विभिन्न समुदायों के बीच कानूनी समानता सुनिश्चित करेगा, बल्कि भारत को एक नई दिशा भी प्रदान करेगा।
यूसीसी: एक नई दिशा
अभिषेक राय का कहना है कि UCC का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून प्रदान करना है। इससे ना केवल विवादों का समाधान आसान होगा, बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देगा। उनके अनुसार, UCC भारतीय समाज को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह भी उल्लेखनीय है कि UCC का प्रस्ताव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के अनुसार है, जो सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता की स्थापना का आह्वान करता है। राय के मुताबिक, यह विधेयक लंबे समय से लंबित है और इसके क्रियान्वयन से भारतीय न्यायिक प्रणाली में कई सुधार संभव हैं।
वे आगे कहते हैं कि UCC को लागू करने के लिए व्यापक चर्चा और समझौता आवश्यक है। इसमें सभी समुदायों के धार्मिक और सामाजिक नेताओं को शामिल करना होगा, ताकि एक समान संहिता को व्यवहारिक और स्वीकार्य बनाया जा सके।
अंततः, राय बताते हैं कि UCC का मुख्य उद्देश्य समाज को अधिक न्यायसंगत और समान बनाना है। यह कदम भारतीय समाज को एक नए युग में ले जा सकता है, जहाँ सभी नागरिकों के लिए न्याय और समानता सुनिश्चित की जाती है। UCC का क्रियान्वयन न केवल कानूनी उलझावों को सुलझाएगा बल्कि यह भारतीय समाज को और अधिक प्रगतिशील बनाने की दिशा में एक कदम होगा।