नई दिल्ली (नेहा): सत्ता विरोधी जिस लहर के चलते इस चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को करारी शिकस्त मिली है, वह कुछ दिनों में नहीं बनी थी। यह माहौल एलजी वीके सक्सेना की ढाई वर्ष की सक्रियता का नतीजा था। दिल्ली में विकास को गति देने के लिए उनकी भागदौड़ और शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने की प्रवृत्ति आप सरकार के लिए गले की फांस बन गई।
चुनाव प्रचार के दौरान तो यह चर्चा आम हो गई थी कि जब यह सरकार एलजी और केंद्र सरकार की वजह से काम कर ही नहीं पा रही है तो फिर उसे वोट दिया ही क्यों जाए! कांग्रेस से 15 साल लंबी सत्ता छीनकर 2013 में आप ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनाई तो एलजी नजीब जंग थे।