नई दिल्ली (नेहा): लोकसभा में बजट सत्र के पहले चरण की कार्यवाही सोमवार को संपन्न हो गई और अब सदन की अगली बैठक 10 मार्च को होगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में कामकाज पर खुशी जताते हुए कहा कि कार्य उत्पादकता लगभग 112 प्रतिशत रही। अदाणी समूह से संबंधित एक खबर को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे शुरू हुई। कार्यवाही शुरू होने पर सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वक्फ संशोधन विधेयक संबंधी संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट पेश की गई और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया। वक्फ विधेयक संबंधी समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट पेश की और इस पर विरोध दर्ज कराते हुए विपक्ष के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट सत्र के पहले चरण की कार्यवाही संपन्न होने की घोषणा की। बिरला ने कहा, ‘‘बजट सत्र के प्रथम चरण का आखिरी दिन है। मुझे खुशी है कि अच्छे वातावरण में चर्चा हुई। सदस्यों का पूरा सहयोग मिला।” उन्होंने बताया कि संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में लगभग 17 घंटे 23 मिनट चर्चा हुई जिसमें 173 सदस्यों ने भाग लिया।
बिरला ने बताया कि केंद्रीय बजट पर सामान्य चर्चा 16 घंटे 13 मिनट चली, जिसमें 170 सदस्यों ने सहभागिता निभाई। उन्होंने कहा, ‘‘आशा है कि आगे भी इसी तरह से सदस्यों का सहयोग मिलता रहेगा।” बिरला ने कार्यवाही आगामी 10 मार्च को प्रात: 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले आज सुबह सदन की बैठक शुरू हुई तो कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अदाणी समूह से संबंधित एक खबर को लेकर हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के लगभग पांच मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। नारेबाजी के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और जलशक्ति मंत्रालय से संबंधित कुछ पूरक प्रश्न पूछे गए। बिरला ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद करने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘आप प्रश्नकाल के दौरान नियोजित तरीके से गतिरोध करते हैं, यह अच्छी परंपरा नहीं है। आप (कांग्रेस) ने इतने साल शासन किया है….आप सदन में व्यवधान पैदा करना करते हैं।” बिरला का कहना था, ‘‘मैंने कहा है कि दोपहर 12 बजे विषय को रखने देंगे, लेकिन आप चर्चा नहीं चाहते। आप महत्वपूर्ण विषयों को सदन में नहीं लाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही तय होती है। यह सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। आप सदस्यों का अधिकार छीनना चाहते हैं।”