लधियाना (नेहा): पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पंजाब के कई जिलों में मौसम का मिजाज बदल गया। फाजिल्का में जहां रात में तेज हवाओं के बीच वर्षा हुई, वहीं कई जिलों में दोपहर बाद धूप के बीच बादलों ने दस्तक दी। इस दौरान हवा भी चलती रही। मौसम विभाग ने आंधी वर्षा की संभावना जताई थी। मौसम में बदलाव आने की वजह दिन के तापमान में भी गिरावट आई। विभाग के अनुसार मोगा में दिन का तापमान 22.3 डिग्री, जालंधर में 23.6 डिग्री सेल्सियस, अमृतसर, मोहाली रोपड़, फिरोजपुर व एसबीएस नगर में दिन का तापमान 24 डिग्री, लुधियाना, चंडीगढ़, बठिंडा, फाजिल्का में तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
जबकि पटियाला में 27 डिग्री सेल्सिय तापमान रिकॉर्ड किया गया। मंगलवार की तुलना में तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा। विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार वीरवार को पंजाब में आंधी तूफान के साथ वर्षा की संभावना है। जिले लेकर विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। 21 फरवरी से मौसम साफ हो जाएगा। मौसम में बदलाव आने की वजह से वायरल बीमारियों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। डॉ. अमित सिंगला ने कहा कि मौसम बदलने की वजह से वायरस एक्टिव हो जाता है। इससे लोगों की सेहत पर बुरा असर दिखने लगता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से चला जाता है। इसलिए घर के एक सदस्य के बीमार होने के बाद अन्य सदस्य भी चपेट में आ जाते हैं।
वायरस के मुख्य लक्षणों में जुकाम, खांसी, बुखार, शरीर का अकड़ना है। इसका असर तीन से पांच दिन तक रहता है। कई मरीजों के ठीक होने में 10 दिन तक लग रहे हैं। खांसी को ठीक होने के लिए 15 दिन लग रहे हैं। सुबह से शाम तक अस्पताल में वायरस से पीड़ित लोग आ रहे हैं। ओपीडी में 90 फीसदी इसी वायरस से पीड़ित हैं। डॉ. सिंगला ने बताया कि देखने में आ रहा है कि आजकल जो वायरस आया हुआ है। वह काफी खतरनाक है। इसके बचाव के लिए उसी प्रकार पालन करना होगा जिस प्रकार कोरोना के समय में किया था। सामाजिक दूरी रखनी होगी। भीड़ वाली जगह पर जाने से बचना होगा। माता-पिता को अपील की कि अगर बच्चे को बुखार खांसी है, तो कम से कम एक सप्ताह स्कूल न भेजा जाए क्योंकि इससे सेहत पर पूरा असर होता है। दूसरे बच्चे बीमार होने का खतरा पैदा हो जाता है।