लखनऊ (नेहा): दो वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा प्रमुख मायावती पार्टी संगठन में बदलाव कर नए सिरे से खड़ा करने में जुट गईं हैं। अब पार्टी के प्रत्येक मंडल में जहां चार प्रभारी होंगे वहीं जिले व विधानसभा क्षेत्र में एक के बजाय दो-दो प्रभारी होंगे। पार्टी पदाधिकारियों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव किया गया है। इस बीच मायावती ने रविवार को देशभर के पदाधिकारियों की बैठक भी बुलाई है। पार्टी संगठन व जनाधार बढ़ाने के कार्यों की समीक्षा के नाम पर बुलाई गई बैठक में बसपा प्रमुख अहम निर्णय कर सकती हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, 25 फरवरी को दिल्ली से लखनऊ पहुंचीं मायावती ने लगातार प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें करने के बाद संगठन में बदलाव किया है। वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए मायावती ने पहली बार मंडल से लेकर जिले स्तर तक के 1028 प्रभारी बनाए हैं।
18 मंडलों में से प्रत्येक में चार-चार, 75 जिलों में से हर एक में दो-दो और 403 विधानसभा क्षेत्रों में भी दो-दो प्रभारी बनाए गए हैं। संगठन के मंडल इंचार्ज व जिला अध्यक्ष के साथ रहते हुए प्रभारी बसपा की सत्ता में वापसी के लिए जुटेंगे। पदाधिकारियों के दायित्वों में भी बदलाव किया गया है। मंडल इंचार्ज नौशाद अली को मुरादाबाद मंडल से गोरखपुर मंडल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह मुनकाद अली को गोरखपुर से मुरादाबाद भेजा गया है। इसी तरह अन्य पदाधिकारियों को एक मंडल से दूसरे में भेजा गया है। मेरठ जिले की कार्यकारिणी में भी बदलाव किया गया है। फेरबदल के बीच बसपा प्रमुख ने रविवार को माल एवेन्यू स्थित प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के देशभर के वरिष्ठ पदाधिकारियों की पूर्वाह्न 11 बजे से बैठक बुलाई है। बैठक में सभी राज्यों के प्रभारियों के अलावा उत्तर प्रदेश के मंडल व जिले के साथ ही बामसेफ के पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है।
मायावती द्वारा जिस तरह से पिछले एक माह के दौरान राष्ट्रीय स्तर की तीसरी बैठक बुलाई गई है उससे तमाम तरह की चर्चा भी हो रही है। सूत्र बताते हैं कि बैठक में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के कार्यों की समीक्षा करने के साथ ही मायावती बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर 15 मार्च को आयोजित होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में भी बताएंगी। पिछले दिनों भतीजे व पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद के ससुर डॉ. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर करते हुए जिस तरह से मायावती ने अपने उत्तराधिकारी के गुणों को लेकर एक्स पर लिखा था, उसको देखते हुए चर्चा है कि रविवार को बसपा प्रमुख इस संबंध में भी अहम घोषणा कर सकती हैं। चर्चा है कि बैठक में आकाश नहीं रहेंगे। उल्लेखनीय है कि एक बार हटाने के बाद मायावती ने फिलहाल आकाश को ही अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बना रखा है।