फतेहपुर (नेहा): अंदौली के निकट शहर से सटी हुई 38 बीघे पशुचर भूमि पर सात लोग मकान बनाकर तो 22 लोग फसल बोकर कब्जा जमाए थे, बुधवार को एसडीएम सदर प्रदीप रमन के निर्देश राजस्व व पालिका की टीम ने इसे खाली कराया। नायब तहसीलदार आमरेश सिंह ने टीम के साथ निशान देही कराई और भूमि पालिका को सौंप दी। अब पालिका इस भूमि पर राज्य वित्त की पूंजी से बाउंड्री बनाकर सुरक्षित करेगी। शहर से सटी हुई बेसकीमती जमीन राजस्व गांव बक्सपुर के पास है। गाटा संख्या 121 में 19 बीघे, गाटा संख्या 123 में 13 बीघे और गाटा संख्या 161 में करीब छह बीघे पशुचर भूमि है। शहर के नजदीक होने के नाते इस जमीन पर प्लाटिंग के कार्य में जुटे लोगों की नजर थी। पिछले एक वर्ष के अंदर यहां पर सात मकान बन गए हैं और किसी को इसकी भनक नहीं थी।
एक शिकायत के बाद एसडीएम सदर ने इस भूमि का मौका मुआयना किया था और आज टीम भेजकर इसे खाली कराया। दो जेसीबी लगाकर कुल 38 भूमि खाली कराई गयी यहां जो भी फसलें बोई गयी थी उन्हें जोत दिया गया है, जबकि मकान स्वामियों को नोटिस दी गयी। मकान के सामने चबूतरा आदि तोड़ दिया गया है। कार्रवाई के दौरान नगर पालिका से दिलशाद अली, कानूनगो नगर जितेंद्र सिंह, लेखपाल सुनील कुमार मौजूद रहे। बक्सपुर में जिस जगह पर बुधवार को कब्जामुक्त कराया गया उसी के पास ही गाटा नंबर 102 है। इस गाटे का आकार करीब 24 बीघे है और यहां पर 74 मकान बन चुके हैं। दस्तावेजी पड़ताल में पाया गया कि उक्त भूमि पशुचर है लेकिन पूर्व में नगर पालिका ने यहां सिर्फ नगर पालिका शुल्क जमा कर लोगों को घर बनाने के लिए जमीनें आवंटित कर दी है।
सूत्र बताते हैं कि नगर पालिका ने भले ही दो से पांच हजार शुल्क पर आवंटन किया है लेकिन असल में लोगों से रकम प्लाट कीमत के अनुसार ली गयी है। अब इन्हें गिराने के लिए तहसीलदार सदर के न्यायालय में धारा 67 की कार्रवाई प्रारंभ की गयी है। नगर पालिका क्षेत्र के अंदर हरगनपुर व बक्सपुर के बीच में गैर आबादी गांव गौरी है। इस गांव के समीप 40 बीघे का पशुचर पुराने कागजों में दर्ज है। इसकी भी शिकायत हुई है, लेकिन अब तक इस पर कार्रवाई नहीं हुई। सरकारी जमीनों पर प्रशासन की तेज चाल देखकर अब यह भी तय हो गया है कि जल्द ही इस पशुचर को भी खाली कराया जा रहा है। फिलहाल इस पशुचर पर लोग खेत बनाकर खेती कर कब्जा किए हुए हैं।