मुंबई (नेहा): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह रहे भैया जी जोशी के बयान पर महाराष्ट्र विधानसभा में जमकर हंगामा मचा। बवाल अधिक बढ़ने पर 5 मिनट तक सदन को स्थगित करना पड़ा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बयान पर अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि मराठी मुंबई और पूरे महाराष्ट्र की भाषा है। विधानसभा में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने जोर देकर कहा कि मुंबई, महाराष्ट्र और राज्य सरकार की भाषा मराठी है। यहां रहने वाले लोगों को इसे सीखना चाहिए। मराठी राज्य की संस्कृति और पहचान का हिस्सा है। इसे सीखना हर नागरिक का कर्तव्य है। सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा और शिवसेना (यूबीटी) नेताओं के बीच तीखी बहस हुई। मामला अधिक बढ़ने पर विधानसभा की कार्यवाही को पांच मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
मुंबई में बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान भैया जी जोशी ने कहा था कि हर किसी को मराठी जानना जरूरी नहीं है। इसके बाद विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया और सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की। शिवसेना (UBT) विधायक भास्कर जाधव ने गुरुवार को विधानसभा में इस मुद्दे पर राज्य सरकार का रुख जानना चाहा। जवाब में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार की स्थिति स्पष्ट है। मुंबई और महाराष्ट्र की प्राथमिक भाषा मराठी है। हर नागरिक को इसे सीखना चाहिए। सीएम ने कहा कि राज्य की भाषा नीति से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सीएम फडणवीस ने आगे कहा कि मराठी को महाराष्ट्र में सम्मान और संरक्षण दिया जाएगा। यह भाषा महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है।
उन्होंने सभी नागरिकों से मराठी भाषा का सम्मान करने और इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाने की अपील की। भैया जी जोशी के बयान पर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह संभव नहीं है। महाराष्ट्र की भाषा मराठी ही रहेगी। उन्होंने कहा कि बाहर से लोग हमारे प्रदेश में आते हैं और यहां बस जाते हैं। यहां की भाषा मराठी है जैसे तमिलनाडु की तमिल और कर्नाटक की कन्नड़। भाजपा की विचारधारा महाराष्ट्र का अपमान करने की है। आदित्य ठाकरे ने कहा, “कल सुरेश भैया जी ने कहा कि घाटकोपर में भाषा गुजराती हो सकती है, मगर यह बिल्कुल संभव नहीं है। मुंबई की भाषा मराठी है। इस सरकार ने मुंबई में मराठी भाषा भवन को भी बंद कर दिया, क्योंकि वे महाराष्ट्र और मराठी भाषा का अपमान करना चाहते हैं।”