ढाका (नेहा): बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के शासन में कट्टरपंथी और प्रतिबंधित संगठनों का हौसला बुलंद हो गया है। इसका ताजा उदाहरण है कि राजधानी ढाका में प्रतिबंधित इस्लामी संगठन हिज्ब उत तहरीर ने शुक्रवार को पहली बार खुले तौर पर रैली निकाली। इसमें हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान संगठन के सदस्यों ने बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस के साथ झड़प हो गई। पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए लाठियां बरसाईं और आंसू गैस के गोले भी दागे। साउंड ग्रेनेड का भी प्रयोग किया गया। पुलिस ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए और कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।
ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के उपायुक्त मसूद आलम ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दी। इसके बाद रैली में आई भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की गई। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं। यह झड़प बैतुल मुकर्रम मस्जिद के पास हुई। यह घटना उस समय हुई, जब तीन से पांच हजार प्रदर्शनकारी रैली में शामिल हुए और ”आजादी का एक ही रास्ता है, खिलाफत, खिलाफत” जैसे नारे लगा रहे थे। इस्लामी संगठन ने हाल ही में इंटरनेट मीडिया पर अभियान चलाया था। पर्चे बांटकर और पोस्टर लगाकर लोगों से रैली में शामिल होने की अपील की गई थी। इसे ”खिलाफत के लिए मार्च” कहा गया था। हिज्ब उत तहरीर का कहना है कि वह समय के साथ सभी मुस्लिम देशों को एक एकीकृत इस्लामी देश या खिलाफत में एकीकृत करना चाहता है, जिसका नेतृत्व मुसलमानों द्वारा निर्वाचित खलीफा करेगा।
इस संगठन को 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार ने आतंक रोधी कानून के तहत सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद इस संगठन की ओर से यह पहली रैली निकाली गई। समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार, ढाका में अवामी लीग के एक और नेता के घर को निशाना बनाया गया। हिंसक भीड़ ने रात के दौरान घर पर धावा बोला और तोड़फोड़ की। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के सलाहकार रहे एचटी इमाम के पुत्र तनवीर इमाम का यह घर है। घर को निशाना बनाने वाली भीड़ में बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल रहे। गत अगस्त में हसीना सरकार के पतन के बाद अंतरिम सरकार में लगातार अवामी नेताओं के घरों पर हमला किया जा रहा है।