वित्त मंत्री ने हाल ही में लोकसभा में एक श्वेत पत्र पेश किया, जिसमें पिछली UPA सरकार के आर्थिक प्रबंधन की विफलताओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। इस दस्तावेज में कोयला घोटाले, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले, और कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े घोटालों का जिक्र किया गया है, जो कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए थे।
वित्तीय पारदर्शिता की आवश्यकता
वित्त मंत्री ने लोकसभा में यह भी बताया कि कैसे UPA सरकार की आर्थिक नीतियाँ और प्रबंधन की कमियों के कारण देश को आर्थिक रूप से नुकसान पहुँचा। उन्होंने जोर देकर कहा कि वित्तीय पारदर्शिता और जवाबदेही बहुत जरूरी है, ताकि ऐसे घोटाले भविष्य में न हों।
इस श्वेत पत्र में विस्तार से बताया गया है कि कैसे कोयला घोटाले और 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले ने देश की आर्थिक स्थिरता को प्रभावित किया। इन घोटालों के कारण न केवल राजकोषीय घाटा बढ़ा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को भी नुकसान पहुँचा।
श्वेत पत्र के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया गया है कि कैसे कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े घोटाले ने खेलों के प्रति देश के जनमानस में विश्वास को कमजोर किया। इस दस्तावेज में सुझाव दिया गया है कि सरकारी परियोजनाओं की निगरानी और ऑडिट के लिए मजबूत तंत्र की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री ने इस अवसर पर बल दिया कि वर्तमान सरकार आर्थिक प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में सरकार आर्थिक नीतियों में सुधार के लिए कई कदम उठाएगी, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
इस श्वेत पत्र को पेश करने का मुख्य उद्देश्य यह स्पष्ट करना था कि पिछली सरकार के दौरान हुए घोटालों के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। यह दस्तावेज न केवल आर्थिक मैनेजमेंट में सुधार की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह जनता के प्रति एक संदेश भी है कि सरकार वित्तीय अनियमितताओं के प्रति सजग है।