चंडीगढ़ (नेहा): डी-लिमिटेशन को लेकर देश भर में छिड़ी बहस में अब पंजाब भी शामिल हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उनकी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से फोन पर बात हुई है। वह अपने दो मंत्रियों को भेज रहे हैं। भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ये इधर उधर की चालें हैं जहां पर ये जीत नहीं सकते वहां के राज्यों की सीटों को कम कर रहे हैं और जहां जीत रहे हैं वहां बढ़ा रहे हैं। भगवंत मान ने कहा कि एक ओर देश में परिवार को छोटा रखने की नीति लागू की जा रही है लेकिन दूसरी ओर उन राज्यों में संसदीय और विधानसभा हलकों को बढ़ाया जा रहा है जहां पर इस नीति का पालन नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर आबादी वाली नीति के आधार पर सीटों को बढ़ाया घटाया जाता है तो इसका असर पंजाब पर भी होगा। बेशक पंजाब में एक दो सीटें बढ़ेंगी लेकिन ये उस अनुपात में नहीं होंगी जो दूसरे राज्यों में बढ़ेंगी। गौरतलब है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भी इसका विरोध कर चुके हैं और उन्होंने पिछले दिनों गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर इस पर कोई रणनीति बनाने का आह्वान किया था। उन्होंने संबंधित राज्यों की एक बैठक भी चेन्नई में रखी है जिसको लेकर वह संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पार्टी प्रमुखों से संपर्क भी साध रहे हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से न केवल बात की है बल्कि वे अपने दो मंत्रियों को भी भेज रहे हैं।
उधर , मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अमृतसर के ठाकुरद्वारा मंदिर पर हुए हमले की भी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था ठीक है, लेकिन पंजाब को अस्थिर करने की कोशिशें हो रही हैं। हमारी पुलिस उनसे निपटने के लिए सशक्त है। उन्होंने लोगों को यकीन दिलाया कि ऐसे असमाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ड्रोन के जरिए नशीले पदार्थों की आवक पर मुख्यमंत्री ने भी कहा कि जब से पंजाब ने नशों के खिलाफ मुहिम छेड़ी है तब से ड्रोन की आवक 70 प्रतिशत कम हुई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस के साथ फिनलैंड में प्रशिक्षण में भेजे जाने वाले अध्यापकों को रवाना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप सरकार का शिक्षा पर पूरा फोकस है।