संसद में रक्षा मामलों की स्थायी समिति ने हाल ही में अग्निवीर योजना पर एक महत्वपूर्ण आवाज़ उठाई है। इस अनूठी पहल में, समिति ने कहा है कि ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अग्निवीरों के परिवारों को नियमित सैनिकों के समान सुविधाएं और मुआवज़ा प्रदान किया जाना चाहिए। यह सुझाव उनकी शहादत के सम्मान में एक कदम माना जा रहा है।
एक समान मुआवज़ा नीति की आवश्यकता
समिति ने यह भी नोट किया है कि विभिन्न राज्य शहीदों के परिवारों को अपने-अपने हिसाब से मुआवज़ा प्रदान करते हैं, जिससे एक असंगति पैदा होती है। इस असंगति को दूर करने और सभी राज्यों में एक समान मुआवज़ा नीति स्थापित करने की मांग की गई है। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी शहीदों के परिवारों को उचित सम्मान और सहायता प्राप्त हो।
इस समिति की सिफारिशें न केवल अग्निवीरों के परिवारों के लिए न्याय सुनिश्चित करती हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती हैं कि राष्ट्र अपने सैनिकों की बलिदान का सम्मान करता है। यह दिखाता है कि सरकार और समाज दोनों ही उनके योगदान को महत्व देते हैं।
इस नीति के क्रियान्वयन से, शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ मनोबल भी मिलेगा। इससे उन्हें अपने प्रियजनों की शहादत के बाद जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति मिलेगी।
संसदीय समिति की यह पहल न केवल अग्निवीरों के परिवारों के लिए एक आशा की किरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समाज और सरकार उनके योगदान और बलिदान को कैसे महत्व देती है। इस प्रकार, यह समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।