नई दिल्ली (राघव): फरवरी महीने में थोक महंगाई बढ़कर 2.38% पर आ गई है। इससे पहले जनवरी में महंगाई 2.31% पर थी। खाद्य उत्पादों में महंगाई 11.06 प्रतिशत तक पहुंच गई, जबकि वनस्पति तेल की कीमतों में 33.59 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई। पेय पदार्थों की कीमतें भी 1.66 प्रतिशत बढ़ीं। इसके साथ ही सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर फरवरी में घटकर 3.61 प्रतिशत हो गई, जो 7 महीनों में सबसे कम है। CPI उन वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को मापता है, जो उपभोक्ता सीधे खरीदते हैं, जबकि WPI फैक्ट्री गेट या थोक व्यापारी की कीमतों को दर्शाता है। खुदरा महंगाई में गिरावट का मतलब है कि आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है, क्योंकि रोजमर्रा की चीजों की कीमतें स्थिर या कम हो सकती हैं। थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 63.75%, प्राइमरी आर्टिकल जैसे फूड की हिस्सेदारी 22.62% और फ्यूल एंड पावर की हिस्सेदारी 13.15% है। यानी, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई के ऊपर-नीचे होने का सबसे ज्यादा असर महंगाई दर पर होता है।