फतेहाबाद (नेहा): फतेहाबाद के टोहाना थाना क्षेत्र के एक गांव में साढ़े तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में एडिशनल सेशन जज अमित गर्ग की कोर्ट ने दो दोषियों मुकेश व सतीश को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 75-75 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने निर्भया व बच्चन सिंह केस का हवाला देते हुए इस केस को दुर्लभतम में दुर्लभ मानते हुए टिप्पणी की है कि यह समाज की आत्मा को झंकझोर देने वाली घटना है, इसलिए इस केस में दोषियों को फांसी से कम सजा नहीं सुनाई जा सकती। हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने यह कहते हुए केस को दुर्लभतम में दुर्लभ नहीं मानने की मांग की थी कि दोषियों का पहले कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। लेकिन कोर्ट ने विपक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया।
फार्स्ट ट्रैक कोर्ट में 9 माह 10 दिन तक चले इस केस में पुलिस ने कुल 41 गवाह बनाए थे जिनमें 10 प्राइवेट व 31 सरकारी गवाह थे, इनमें 10 डॉक्टर शामिल थे। 41 में से 38 गवाहों की कोर्ट में गवाही करवाई गई। 9 माह 10 दिन में कोर्ट ने 33 बार मामले की सुनवाई कर बुधवार को दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। 29 जून 2024 की रात को हुई इस वारदात में पुलिस ने 30 जून को दोषियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पुलिस ने केस दर्ज करने के 51 दिन बाद 20 अगस्त 2024 को 477 पेज की चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। कोर्ट में जब दोषियों को सजा सुनाई जा रही थी तो दोषी सतीश ने हाथ जोड़ते हुए कहा कि उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है तथा उसके एक बच्चा है इसलिए उस पर रहम किया जाए, इसी प्रकार दूसरे दोषी मुकेश ने भी कोर्ट में कहा कि उसके दो छोटे बच्चे हैं तथा इससे पहले उसने कभी कोई क्राइम नहीं किया इसलिए उस पर रहम किया जाए। वहीं पीड़िता बच्ची के पिता ने न्याय देने के लिए हाथ जोड़कर कोर्ट का धन्यवाद किया।
दोषियों को फांसी तक पहुंचाने में जो सबूत मुख्य आधार बने उनमें दोषियों की पीड़ित बच्ची के पिता से फोन हुई बातचीत की कॉल डिटेल, घटना के समय दोनों दोषियों की मोबाइल लोकेशन, वहां जमींदार की ढाणी में लगे सीसीटीवी कैमरे में दोनों दोषियों की मिली फूटेज तथा मेडिकल रिपोर्ट के साथ-साथ 10 डॉक्टरों की गवाही मुख्य आधार बने। दोषी व पीड़ित पक्ष दोनों ही परिवार बिहार के बहराइच क्षेत्र के रहने वाले हैं तथा टोहाना ग्रामीण इलाके में हिस्से पर खेती करने का काम करते हैं। दोनों परिवारों की आपस में जान पहचान थी। दोषी 29 जून, 2024 की शाम को बच्ची के पिता से मिलने आए थे तथा साथ बैठकर पार्टी की थी व खाना खाया था, इसके बाद दोषी देर रात उनके घर आए और बच्ची को उठाकर करीब पांच एकड़ दूर ज्वार के खेत में ले गए, जहां उन्होंने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसे खेत में ही छोड़कर चले गए।
अलसुबह साढ़े तीन बजे जब बच्ची के पिता की आंख खुली तो उसने देखा कि उसकी बच्ची चारपाई पर नहीं थी, इसके बाद उन्होंने तलाश की तो बच्ची लहुलुहान अवस्था में खेत में पड़ी मिली, इसके बाद बच्ची को टोहाना नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया जहां से उसे पहले अग्रोहा, फिर हिसार व उसके बाद रोहतक पीजीआई रैफर कर दिया गया। घटना के 8 दिन बाद 9 जुलाई को बच्ची ने पीजीआई रोहतक में दम तोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस ने पहले उक्त दोषी मुकेश व सतीश के अलावा शंभु पर भी केस दर्ज किया था लेकिन जांच में शंभू निर्दोष मिला था।