श्रीनगर (नेहा): कश्मीर में पांच दिन से मौसम के मिजाज तीखे बने हुए हैं। शुक्रवार को भी उच्चपर्वतीय इलाकों में रुक-रुककर वर्षा होती रही। श्रीनगर समेत अधिकांश क्षेत्रों में दोपहर तक हल्की बूंदाबांदी हुई, उसके बाद मौसम शुष्क रहा। कश्मीर में अभी भी अधिकतर स्थानों पर मौसम ठंडा बना हुआ है। इधर, जम्मू में तो मौसम साफ रहा, लेकिन कठुआ जिला में तेज आंधी के साथ झमाझम वर्षा हुई। इससे फसलों को काफी नुकसान हुआ। कई जगह पेड़ की टहनियां गिरने से दिनभर बिजली आपूर्ति बाधित रही। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान भी कश्मीर में कुछ उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा की संभावना जताई है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते कश्मीर में सोमवार को मौसम के मिजाज बदल गए थे और उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया था, जो शुक्रवार को भी रुक-रुककर जारी रहा। श्रीनगर व इसके साथ सटे इलाकों में दोपहर तक बूंदाबांदी होती रही, अलबत्ता दोपहर बाद वर्षा थम गई। मौसम विभाग के अनुसार, श्रीनगर में न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस, पहलगाम में 2.6 और गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
जम्मू में बारिश का इंतजार कर रहे लोगों के लिए शुक्रवार को उम्मीद जगी, लेकिन सुबह करीब 8.00 बजे हल्की बारिश के बाद दिन भर बारिश का इंतजार होता रहा। हालांकि, सुबह हुई बारिश के बाद ठंडी हवा ने राहत पहुंचाई। वहीं, पूरे दिन बादल भी मंडराते रहे। इससे मौसम राहत भरा बना रहा और लंबे समय के बाद पूरे तापमान सामान्य से नीचे आया। जम्मू का अधिकतम तापमान 29.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार के अनुसार 13 अप्रैल से मौसम में सुधार आना शुरू हो जाएगा और 17 अप्रैल तक कश्मीर के अधिकांश इलाकों में मौसम के मिजाज शुष्क बने रहेंगे। 18 अप्रैल से पश्चिमी विक्षोभ फिर से सक्रिय होगा, जिसके चलते उच्च पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में वर्षा होगी। विक्षोभ का प्रभाव 21 अप्रैल तक बना रहेगा।