धनबाद: जमशेदपुर के वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) जांच विभाग ने सोमवार को धनबाद में उद्योगपति अमितेश सहाय और उनके व्यापारिक साझेदार श्याम शर्मा के जीएसटी पत्रों का मूल्यांकन किया, अधिकारियों ने बताया।
जीएसटी जांच की शुरुआत
सहाय, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का निकट सहयोगी माना जाता है, धनबाद में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कोषाध्यक्ष के पद पर भी कार्यरत हैं, उन्होंने कहा।
जांच टीम ने सुबह 7 बजे धनबाद में अपना काम शुरू किया और जीएसटी भुगतानों की जांच दोपहर के लगभग 1:30 बजे तक जारी रखी।
इस जांच के दौरान, टीम ने सहाय और शर्मा के व्यापारिक लेन-देन और जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की विस्तृत समीक्षा की। उनके कार्यालयों और आवासीय परिसरों की भी जांच की गई थी, जिससे स्थानीय व्यापारिक समुदाय में हलचल मच गई।
इस कार्रवाई को जीएसटी अनुपालन और कर चोरी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि जांच का उद्देश्य किसी भी तरह के कर चोरी का पता लगाना और निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कर व्यवस्था को मजबूत करना है।
जांच के नतीजे अभी आना बाकी हैं, लेकिन इस कदम ने जीएसटी अनुपालन के प्रति जागरूकता और गंभीरता को बढ़ाया है। व्यापार जगत और आम जनता इस परिणाम की प्रतीक्षा कर रही है, जो भविष्य में जीएसटी अनुपालन की दिशा को निर्धारित करेगा।
इस जांच की प्रतिक्रिया में, स्थानीय व्यापारिक समुदाय ने अपने जीएसटी रिकॉर्ड्स और अनुपालन की स्थिति की समीक्षा करने का निर्णय लिया है। यह घटना न केवल व्यापारियों बल्कि सभी करदाताओं के लिए एक जागरूकता कॉल के रूप में काम कर रही है।
अंत में, यह जांच न केवल धनबाद बल्कि पूरे झारखंड राज्य में कर प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। इससे निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ-साथ वित्तीय अनुशासन और अनुपालन की भावना को भी बढ़ावा मिलेगा।