पुणे (राघव): महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अगर राज्य की किसी भी जेल में किसी कैदी की मौत होती है या पुलिस हिरासत में कोई आरोपी मौत का शिकार होता है, तो उस आरोपी के परिवार को मुआवजा मिलेगा। आज महाराष्ट्र सरकार ने एक कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया। इस फैसले के बाद अब जब भी पुलिस हिरासत या जेल में किसी आरोपी की मौत होगी, तो उसके परिजनों को सरकार आर्थिक मदद प्रदान करेगी। महाराष्ट्र सरकार जल्द ही इस संदर्भ में मुआवजे की रकम का ड्राफ्ट भी तैयार करेगी।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से पुलिस हिरासत में मरने वाले या जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में जान गंवाने वाले कैदियों के परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। कई बार पुलिस हिरासत या जेल में कैदियों की मौत के बाद उनके परिजनों को न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, और मुआवजे की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। अब राज्य सरकार ने यह कदम उठाकर यह सुनिश्चित किया है कि मृतक के परिवार को कम से कम आर्थिक सहायता मिल सके। महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला पुलिस हिरासत या जेल में मृत्यु के मामलों में पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का मानना है कि यह फैसला न केवल मृतक के परिवार के लिए सहारा बनेगा, बल्कि राज्य की न्यायिक प्रणाली और मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता को भी सुदृढ़ करेगा। जब कोई आरोपी पुलिस हिरासत या जेल में किसी घटना में मरता है, तो यह कभी भी गंभीर सवालों को जन्म देता है। इस मुआवजे के जरिए सरकार ने यह संदेश दिया है कि वह अपनी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से यह भी साफ है कि यह कदम राज्य में हिरासत में मौत के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करेगा। इस कदम के लागू होने के बाद राज्य सरकार मुआवजे की रकम का निर्धारण करेगी, जो मृतक के परिवार को मदद के रूप में दी जाएगी। अब तक इस प्रकार के मामलों में परिजनों को मुआवजा मिलने की कोई सुसंगत नीति नहीं थी। महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। राज्य सरकार जल्द ही मुआवजे की रकम के निर्धारण पर विचार करेगी। यह रकम मृतक के परिवार की कठिनाइयों को कम करने और उनके लिए एक संजीवनी बूटी साबित हो सकती है। सरकार के इस फैसले के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि पुलिस हिरासत में मौत के मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी और इस पर न्यायिक प्रक्रिया सही ढंग से लागू होगी।
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम एक महत्वपूर्ण सामाजिक और कानूनी बदलाव का हिस्सा माना जा रहा है। इस फैसले से राज्य में न्याय व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि पुलिस हिरासत या जेल में मौत के मामलों में मृतक के परिजनों को कम से कम एक आर्थिक सहायता मिले। इसके अलावा, यह कदम नागरिकों को यह विश्वास दिलाने में मदद करेगा कि राज्य सरकार उनके अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से संजीवनी है। महाराष्ट्र में न्याय व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए यह कदम एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।