नई दिल्ली (राघव): भारतीय रिजर्व बैंक ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर ₹38.60 लाख का जुर्माना लगाया है। बैंक पर यह जुर्माना Know Your Customer (KYC) से जुड़े नियमों के उल्लंघन पर लगा है। बैंक ने इसकी जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक चालू खाता खोलने में बैंक ने केवाईसी से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया जिसके चलते आरबीआई ने कार्रवाई की है। आरबीआई ने 17 अप्रैल 2025 को इसके बारे में बैंक को सूचित किया था।
आरबीआई की कार्रवाई पर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने कहा कि उसने पूरी तरह से आंतरिक समीक्षा कर ली है और अपनी केवाईसी प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए सुधारात्मक उपायों को पहले ही लागू कर दिया है। बैंक ने इस बात पर जोर दिया कि यह इश्यू प्रक्रिया का हिस्सा है और वित्तीय दंड के अलावा इसके संचालन या दिन-प्रतिदिन की बैंकिंग गतिविधियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एमडी और सीईओ वी वैद्यनाथन ने सीएनबीसी-टीवी18 से हालिया बातचीत में कहा था कि बैंक की बैलेंस शीट अगले चार साल में दोगुनी हो जाएगी। उनका यह पॉजिटिव रुझान वारबर्ग पिनकस और अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (ADIA) की सहयोगी कंपनियों से ₹7,500 करोड़ की पर्याप्त पूंजी निवेश के बाद आया है। इस नई पूंजी से उम्मीद है कि बैंक का कैपिटल एडेकेसी रेश्यो मजबूत होगा और बैंक के सीएमडी के मुताबिक यह मौजूदा 16.5 फीसदी से बढ़कर 19 फीसदी के करीब पहुंच जाएगा। वैद्यनाथन का कहना है कि ग्रोथ के अगले चरण के लिए बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है। उन्होंने कहा कि बैंक का रणनीतिक फोकस अपने कोर लेंडिंग ऑपरेशंस को बढ़ाने पर है। बैंक ने जो पूंजी जुटाई है, उसे मुख्य रूप से बैंक के खुदरा और एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) के लोनबुक में लगाया जाएगा।