उधमपुर (नेहा): जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सोमवार को रामबन जिले के मारोग पहुंचे और रविवार को बादल फटने व भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। इस प्राकृतिक आपदा में दो मासूम भाइयों समेत तीन लोगों की मौत हो गई, अभी जबकि 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया। प्राकृतिक आपदा के कारण रामबन में हुई भारी तबाही में कई मकान और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा मलबे के नीचे दब गया है। कई वाहन अब भी उसी में फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा प्रस्तावित था, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवा बाधित रही। जिसके चलते उन्होंने सड़क मार्ग से बनिहाल से मारोग तक का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। शाम 5:30 बजे मारोग पहुंचे मुख्यमंत्री वहां से पैदल ही प्रभावित इलाकों की ओर रवाना हुए।
मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में रविवार शाम उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी, रामबन विधायक अर्जुन सिंह राजू और बनिहाल विधायक सज्जाद शाहीन ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर मौके का दौरा किया था। इस दौरान नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि सेरी से मारोग के बीच करीब चार किलोमीटर के दायरे में दर्जनों स्थानों पर मलबा जमा है। कुछ जगहों पर मलबे की ऊंचाई 20 फीट से अधिक है। उन्होंने बताया कि राजमार्ग को सामान्य करने में पांच से छह दिन तक का समय लग सकता है।