विश्व के मानचित्र पर एक नई आध्यात्मिक पहचान बनाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अबु धाबी में यूएई के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। यह मंदिर न केवल भारतीय समुदाय के लिए बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए एक मिसाल है, जो सांस्कृतिक समरसता और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है।
उद्घाटन समारोह
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर आयोजित समारोह में भाग लिया और मंदिर में पूजा अर्चना की। उन्होंने मंदिर के प्रांगण में उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह मंदिर विश्व शांति के लिए एक प्रेरणा स्रोत है और यह दर्शाता है कि किस तरह सभी धर्मों का सम्मान करते हुए एक साथ विकसित हो सकते हैं।
उन्होंने इस मंदिर के निर्माण में यूएई के शासक शेख जायेद के योगदान को भी सराहा और उनके प्रति आभार व्यक्त किया। मोदी ने बताया कि इस मंदिर का निर्माण न केवल भारत और यूएई के बीच दोस्ती को मजबूत करता है बल्कि यह विश्व भर में आध्यात्मिकता और सामंजस्य का संदेश भी प्रसारित करता है।
सांस्कृतिक संगम
इस मंदिर का निर्माण भारतीय संस्कृति और वास्तुकला की पारंपरिक शैलियों को ध्यान में रखकर किया गया है। यहाँ की संरचना और सजावट में भारतीय कला की झलक मिलती है, जो आगंतुकों को भारतीय आध्यात्मिकता और परंपरा से परिचित कराती है। मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जो धार्मिक विविधता और समरसता का प्रतीक हैं।
इस मंदिर के निर्माण से यूएई में रह रहे भारतीय समुदाय को एक नई पहचान मिली है और यह उनके लिए धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है। यह मंदिर न केवल भारतीयों के लिए बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए एक खुला मंच है, जहां वे आध्यात्मिक शांति और सद्भाव का अनुभव कर सकते हैं।
इस तरह, यूएई के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन न केवल एक धार्मिक घटना है बल्कि यह विश्वभर में शांति, सहिष्णुता, और सांस्कृतिक समरसता की एक नई कहानी का आरंभ है। यह मंदिर विश्व के सामने यह संदेश देता है कि विविधता में एकता ही सच्ची मानवता की पहचान है।