हरियाणा के मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में किसान आंदोलन के संबंध में अपनी विवादित राय व्यक्त की है। उनका कहना है कि किसानों का प्रदर्शन का तरीका गलत है, जिससे आम जनता को परेशानी हो रही है।
जनता को हो रही असुविधा
मुख्यमंत्री के अनुसार, किसानों की मांगें मुख्यतः केंद्र सरकार से संबंधित हैं, न कि हरियाणा सरकार से। फिर भी, उनके प्रदर्शन के चलते राज्य की जनता को अनेक प्रकार की असुविधाएं सहनी पड़ रही हैं।
मुख्यमंत्री खट्टर का कहना है कि किसानों को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है, परन्तु उन्हें ऐसा तरीका अपनाना चाहिए जिससे आम जनता को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने इस संदर्भ में कहा, “किसानों का तरीका गलत है और आम जनता को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।”
किसानों की मांगों पर चर्चा
आंदोलन कर रहे किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार से विभिन्न स्तरों पर चर्चा की है। इसके बावजूद, उनका मानना है कि हरियाणा सरकार भी इस मुद्दे पर कुछ कदम उठा सकती है।
खट्टर के अनुसार, सरकार ने किसानों की मांगों को सुना है और उन्हें उचित मंच पर उठाने की कोशिश की है। लेकिन, उनका यह भी कहना है कि आंदोलन के दौरान जनजीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए किसानों को अपने प्रदर्शन के तरीके पर पुनर्विचार करना चाहिए।
समाधान की ओर एक कदम
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह किसानों के साथ वार्ता के लिए हमेशा तैयार हैं और उनकी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि विवाद का हल बातचीत से ही निकल सकता है।
इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों से अपील की है कि वे अपने आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाएं और सरकार के साथ मिलकर समाधान की दिशा में काम करें।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का यह बयान किसान आंदोलन के संबंध में एक महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश के रूप में देखा जा सकता है। उनकी इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि किसानों और सरकार के बीच बातचीत का मार्ग प्रशस्त होगा, और समस्या का समाधान निकलेगा।