दिल्ली में राजनीतिक घटनाक्रम ने एक नया मोड़ लिया है जहां एक ओर अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री, को शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से छठवीं बार समन प्राप्त हुआ है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली का बजट सत्र भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
ईडी की कड़ी कार्रवाई
इस नवीनतम समन के साथ, ईडी ने केजरीवाल को 19 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया है। पूर्व में, केजरीवाल पांच बार जारी किए गए समन के बावजूद ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे, जिससे इस मामले में तनाव और भी बढ़ गया है।
केजरीवाल ने ईडी द्वारा जारी किए गए समनों को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में व्यक्त किया है, जिससे इस घटनाक्रम में राजनीतिक तनावों का संकेत मिलता है। इससे दिल्ली की राजनीति में एक नई बहस की शुरुआत हुई है, जिसमें आरोप और प्रत्यारोप का दौर जारी है।
बजट सत्र पर नजरें
इसी के साथ, दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र भी लोगों की उत्सुकता का केंद्र बिंदु है। इस सत्र में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए दिल्ली सरकार के बजट प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी, जिससे दिल्ली के विकास की नई दिशाओं का संकेत मिलेगा।
इस बजट सत्र के माध्यम से, दिल्ली सरकार ने अपनी विकास योजनाओं और पहलों को प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त किया है, जिससे नागरिकों को आने वाले वर्षों में दिल्ली की विकास यात्रा की एक झलक मिल सकती है।
इस घटनाक्रम के साथ, दिल्ली की राजनीति में एक नई गतिविधि का संचार हुआ है, जहां एक ओर ईडी की कार्रवाई और दूसरी ओर बजट सत्र के माध्यम से विकास की दिशा निर्धारित की जा रही है। इस पूरे मामले में, दिल्ली की जनता की नजरें न केवल ईडी की कार्रवाई पर हैं बल्कि बजट सत्र में लिए जाने वाले निर्णयों पर भी हैं, जिससे दिल्ली के भविष्य पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।