अयोध्या, जहां भक्ति और आस्था की गूँज सदियों से अनवरत जारी है, वहाँ राम मंदिर निर्माण के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है। इस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा देशभर के लोगों ने बड़ी बेसब्री से की थी।
राम मंदिर: एक नए युग की शुरुआत
22 जनवरी को प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के लिए निर्माण कार्य 15 जनवरी से एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया था। यह विराम केवल अस्थायी था और 15 फरवरी को कामगारों ने दोबारा कार्य स्थल पर लौटकर निर्माण की गति को फिर से तेज कर दिया।
मंदिर के निर्माण को तीन मुख्य चरणों में पूरा किया जाना है, जिसका पहला चरण भूतल निर्माण और गर्भगृह में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के साथ समाप्त हो चुका है। यह चरण भक्तों के लिए बेहद खास था और इसने मंदिर की भव्यता की नींव रखी।
दूसरे चरण में, मंदिर के ऊपरी तल का निर्माण शामिल है, जो 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस चरण के पूरा होने से मंदिर की वास्तुकला और भी अधिक प्रभावशाली और दिव्य हो जाएगी।
इस ऐतिहासिक परियोजना के हर चरण को बड़ी सावधानी और समर्पण के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। निर्माण में लगे हर व्यक्ति का योगदान इसे 2025 तक सम्पूर्ण रूप से पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण न केवल एक धार्मिक महत्व का प्रतीक है बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था की गहराई को भी दर्शाता है। इस पवित्र परियोजना के प्रत्येक चरण की सफलता देश और विश्वभर के लोगों के लिए उत्साह और प्रेरणा का स्रोत है।