भारत-पाकिस्तान सीमा पर, राजस्थान के पोकरण (जैसलमेर) में, भारतीय वायु सेना ने ‘वायु शक्ति’ युद्धाभ्यास के माध्यम से अपनी सैन्य क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया। इस युद्धाभ्यास में, वायु सेना ने दुश्मन के खिलाफ अपनी पूरी ताकत और तैयारी का प्रदर्शन किया।
वायु शक्ति का आगाज
युद्धाभ्यास की शुरुआत तीन चेतक हेलिकॉप्टर के फ्लैग पास्ट के साथ हुई, जिसने इस भव्य आयोजन का उद्घाटन किया। यह आयोजन न केवल सैन्य ताकत का प्रदर्शन था बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह भारतीय वायु सेना किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए सदैव तैयार है।
पोकरण फायरिंग रेंज में आयोजित इस युद्धाभ्यास में विभिन्न प्रकार के विमानों और हथियारों का उपयोग किया गया। सुखोई विमानों ने हवाई पट्टी पर सटीक निशाना साधा, जबकि गरुड़ कमांडो ने जमीनी हमले को अंजाम दिया। ‘प्रचंड’ नामक युद्धक टैंक ने एक साथ 24 रॉकेट दागकर दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूत किया।
इस युद्धाभ्यास में सबसे खास बात यह रही कि इसने वायुसेना की विभिन्न इकाइयों के बीच सामंजस्य और तालमेल को बढ़ावा दिया। इस अभ्यास के दौरान, वायुसेना ने न केवल अपनी ताकत दिखाई बल्कि यह भी साबित किया कि वे किसी भी समय, किसी भी परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए तैयार हैं।
वायुसेना की इस ताकत का प्रदर्शन न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है बल्कि यह दुनिया को भी एक स्पष्ट संदेश देता है कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सक्षम और तैयार है। इस युद्धाभ्यास के माध्यम से, भारतीय वायु सेना ने अपने उच्च कोटि के प्रशिक्षण, सामरिक कौशल और युद्ध क्षमता को सिद्ध किया है।
इस तरह, ‘वायु शक्ति’ युद्धाभ्यास ने न केवल भारतीय वायु सेना की शक्ति और तैयारी को प्रदर्शित किया बल्कि यह भी दिखाया कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। यह युद्धाभ्यास न सिर्फ एक युद्ध प्रदर्शन था बल्कि एक संदेश भी था कि भारतीय वायु सेना हर समय, हर परिस्थिति में राष्ट्र की रक्षा के लिए तत्पर है।