राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है, जहां एक 57 वर्षीय महिला के साथ 7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। इस घटना ने न केवल महिला का विश्वास तोड़ा है बल्कि समाज में ठगी के बढ़ते मामलों पर पुनः चिंता का विषय उत्पन्न कर दिया है।
धोखाधड़ी का खेल
यह घटना तीन महीने पहले शुरू हुई थी, जब पिलानी की रहने वाली इस महिला को एक अनजान व्यक्ति का कॉल आया। कॉलर ने खुद को ईडी और मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया और कहा कि महिला के आधार कार्ड पर एक अन्य नंबर सक्रिय है।
इस अध्याय की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई, जब इस महिला को पहली बार ठगी का संदेह हुआ। ठगों ने उन्हें विश्वास में लेने के लिए कई तरह की कहानियां और धमकियां दीं। इसके बावजूद, महिला ने अपने बचत खाते, निवेश और यहां तक कि लोन लेकर भी उन्हें पैसे दिए।
ठगों ने महिला को यह भरोसा दिलाया कि उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा और उन्हें कोई कानूनी परेशानी नहीं होगी। इस भरोसे में आकर महिला ने उन्हें बड़ी रकम दे दी।
जांच का दौर
इस मामले की जांच में जुटी टीमों ने खुलासा किया है कि यह धोखाधड़ी बेहद सुनियोजित तरीके से की गई थी। ठगी के इस खेल में कई लोग शामिल थे, जिन्होंने महिला को विभिन्न तरह के झांसे में रखा।
इस घटनाक्रम ने न केवल महिला के जीवन में वित्तीय संकट उत्पन्न किया है बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे ठगों ने तकनीकी और मानवीय विश्वास का दुरुपयोग किया।
जांच टीम इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और पीड़ित महिला को न्याय दिलाने की पूरी कोशिश में जुटी है। समाज में ऐसी घटनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की भी जरूरत है, ताकि लोग ऐसे ठगों के झांसे में न आएं।
इस मामले का अंतिम परिणाम अभी भी जांच के अधीन है, लेकिन यह घटना समाज के लिए एक सबक है कि वे अज्ञात कॉलर्स से सावधान रहें और किसी भी तरह के वित्तीय लेन-देन से पहले पूरी तरह से जांच-परख कर लें।