सूरी (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों से पहले राज्य के लोगों के आधार कार्ड “निष्क्रिय” कर दिए हैं ताकि वे विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ न उठा सकें।
आधार कार्ड निष्क्रियता का मुद्दा
बीरभूम जिले के एक सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम में बोलते हुए, बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार आधार कार्ड न होने के बावजूद राज्य द्वारा संचालित कल्याण कार्यक्रमों को जारी रखेगी।
“सावधान रहें, वे (भाजपा नीत केंद्र) आधार कार्डों को निष्क्रिय कर रहे हैं। बंगाल के कई जिलों में कई आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि लोगों को ‘लक्ष्मी भंडार’ जैसी योजनाओं का लाभ बैंक ट्रांसफर के माध्यम से और चुनावों से पहले मुफ्त राशन न मिल सके,” उन्होंने दावा किया।
इस आरोप के साथ, बनर्जी ने यह भी जोर देकर कहा कि उनकी सरकार उन लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखेगी जिनके पास आधार कार्ड नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि यह कदम लोगों की भलाई के लिए उठाया गया है और वे इसे निरंतर जारी रखेंगी।
बनर्जी का यह आरोप केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनाव को और बढ़ाता है, खासकर जब से लोकसभा चुनावों की तारीखें नजदीक आ रही हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
कल्याण योजनाओं पर प्रभाव
इस विवाद के बीच, बनर्जी ने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याण योजनाओं के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं राज्य के लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और उनकी सरकार इन्हें जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री के इस बयान से राज्य के लोगों में एक उम्मीद की किरण जगी है कि उन्हें सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा, भले ही केंद्रीय सरकार द्वारा कोई भी बाधा उत्पन्न की जाए।
इस पूरे मामले में, बनर्जी का आरोप और उनकी सरकार की प्रतिक्रिया, पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। यह आगामी चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बनने की संभावना है।