पंजाब की राजनीति में एक बार फिर से नवजोत सिंह सिद्धू चर्चा का विषय बने हैं। इस बार वे किसानों के अधिकारों की लड़ाई में अग्रणी भूमिका में नज़र आ रहे हैं। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान के रूप में, सिद्धू ने केंद्र सरकार पर किसानों के साथ किए गए वादे पूरे न करने का आरोप लगाया है।
किसानों के हक में सिद्धू
सिद्धू ने अपने हालिया बयानों में भारतीय जनता पार्टी पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने बीजेपी के उस वादे को ‘दुनिया का सबसे बड़ा झूठ’ करार दिया, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही गई थी। इसके साथ ही, सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर भी निशाना साधा और उन्हें ‘बिचौलिया’ कहकर संबोधित किया।
सिद्धू का मानना है कि किसानों को उनके हक की लड़ाई में सड़कों पर उतरना पड़ रहा है, जो कि न्याय के लिए उनकी लड़ाई को दर्शाता है। उन्होंने किसानों के समर्थन में खड़े होकर, उनके उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई है।
राजनीतिक परिदृश्य में सिद्धू
सिद्धू की इस मुहिम ने उन्हें पंजाब की राजनीति में एक नई पहचान दिलाई है। उनके इस कदम को किसानों के समर्थन में एक मजबूत पहल के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, उनके इस रुख ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।
सिद्धू ने अपने आरोपों में कहा कि केंद्रीय मंत्रियों और पंजाब के मुख्यमंत्री के बीच साठगांठ है, जो कि किसानों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने इसे किसानों के साथ धोखाधड़ी करार दिया।
सिद्धू की यह लड़ाई केवल किसानों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन तमाम लोगों के लिए एक संदेश है जो न्याय और समानता में विश्वास रखते हैं। उनका यह कदम उन्हें एक जननायक के रूप में स्थापित करता है, जो न केवल शब्दों में बल्कि कर्मों में भी किसानों के हितों की रक्षा करता है।
नवजोत सिंह सिद्धू की यह पहल न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण है। उनके इस कदम से उन्हें किसानों का एक मजबूत समर्थन प्राप्त हो रहा है, जो कि उनके राजनीतिक जीवन में एक नया अध्याय जोड़ सकता है।