जयपुर: राजस्थान के आदिवासी बेल्ट से चार बार के कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ नेता महेंद्रजीत सिंह मलविया ने सोमवार को भाजपा में शामिल होने का ऐलान किया। उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास की आशा व्यक्त की और कांग्रेस नेतृत्व पर राम मंदिर समर्पण समारोह में शामिल न होने के लिए निशाना साधा।
राजनीतिक परिवर्तन
मलविया ने विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया है, जिसकी पुष्टि विधानसभा के प्रवक्ता ने की। उन्होंने सोमवार को विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा।
मलविया पर पलटवार करते हुए, कांग्रेस के राजस्थान इकाई के प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा ने आरोप लगाया कि वह अंतर-पार्टी गतिविधियों में शामिल थे।
इस घटनाक्रम के साथ, मलविया ने अपने क्षेत्र के लिए विकास और प्रगति की दिशा में एक नया कदम बढ़ाया है। उनका कहना है कि भाजपा में उनका शामिल होना उनके क्षेत्र के लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
मलविया के इस कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। जहाँ भाजपा ने उनके इस निर्णय का स्वागत किया है, वहीं कांग्रेस ने इसे अपने लिए एक झटका बताया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मलविया का यह कदम आगामी चुनावों में राजस्थान की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उनका मानना है कि मलविया के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को आदिवासी बेल्ट में मजबूती मिलेगी।
इस घटनाक्रम ने न केवल राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, बल्कि यह भी दिखाता है कि विकास और प्रगति के मुद्दे किसी भी नेता के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। मलविया का यह कदम आने वाले समय में राजनीतिक दिशा और दशा को प्रभावित कर सकता है।