प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू-कश्मीर दौरा चर्चा का विषय बना हुआ है। मंगलवार को होने वाले इस दौरे के लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद यह प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। इस महत्वपूर्ण दौरे पर सुरक्षा को लेकर कोई भी कसर नहीं छोड़ी गई है।
शार्प शूटर और एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती
रैली स्थल को पूर्ण रूप से सील कर दिया गया है और आसपास के भवनों में एंटी ड्रोन सिस्टम स्थापित किए गए हैं। शार्प शूटरों की तैनाती से सुरक्षा की एक अभेद्य परत का निर्माण किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई भी संभावित खतरा ना रहे।
इस दौरे की सुरक्षा व्यवस्था में नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती से आसमान से आने वाले किसी भी खतरे को रोका जा सकेगा। वहीं, शार्प शूटरों की मौजूदगी से जमीन पर सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने कई बैठकें की हैं। इन बैठकों में सुरक्षा के हर पहलू पर विचार किया गया है। इस बार की सुरक्षा व्यवस्था में पहले से अधिक सख्ती बरती गई है।
जम्मू-कश्मीर के दौरे पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए उठाए गए ये कदम दर्शाते हैं कि सरकार किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह सुरक्षा व्यवस्था न केवल प्रधानमंत्री की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत अपने वीवीआईपी की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने देता।
इस दौरे की तैयारियों में शामिल सभी सुरक्षा कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। उन्हें हर संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। इससे सुरक्षा व्यवस्था में एक अतिरिक्त आत्मविश्वास की भावना जुड़ती है।
प्रधानमंत्री के दौरे के लिए लिए गए इन सुरक्षा उपायों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी प्रकार के खतरे से निपटने के लिए सजग और सक्रिय हैं। इस व्यवस्था से जनता में भी एक सुरक्षा की भावना का संचार होता है। इस दौरे की सफलता न केवल प्रधानमंत्री के लिए बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण है।